सुलतानपुर: कूड़ा फेंकने से पट जाती है नहर, होती है कटान-प्रभावित हो रही खेतों की सिंचाई 

सुलतानपुर: कूड़ा फेंकने से पट जाती है नहर, होती है कटान-प्रभावित हो रही खेतों की सिंचाई 

धनपतगंज/ सुलतानपुर, अमृत विचार। नहर सिल्ट सफाई को लेकर विभाग में इच्छशक्ति का अभाव और कस्बे वासियों द्वारा  नहर में कूड़ा फेंकने की परंपरा से नहर कटान की संभावना बलवती होती जा रही है। फसल सिंचाई के दौरान पानी के साथ खेतों में पंहुच रहा सिंगल यूज प्लास्टिक से मिट्टी की संरचना भी प्रभावित हो रही है। बावजूद इसके महकमा बेखबर है।

ग्रामीण अंचल में फसल सिंचाई के सरकारी तौर पर विकसित सबसे बड़े आयाम शारदा सहायक नहर खंड 16 में सिल्ट जमाव से बड़े खतरे की संभावना बलवती होती जा रही है। सिल्ट जमाव का सबसे बड़ा कारण नहर में फेंके जाने वाला कूड़ा करकट है। कस्बे से गुजरी नहर पर बने पुल के मुहाने के आसपास बाजारों का कूड़ा करकट  फेंके जाने से सिल्ट जमा हो गया है। 

बाजार हरौरा को ही लें तो, बाजार के निकट पुल के मुहाने में फेंके जा रहे कूड़ा करकट से एक मुहाना पूरी तरह बंद हो चुका है। जिसके चलते नहर में दौड़ने वाले पानी की निस्सरण क्षमता घट जाती है। नहर पटरी कटान की संभावना बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ कूड़े करकट के साथ फेंकी गई प्लास्टिक पानी के साथ बहकर खेतों में पहुंच मिट्टी की संरचना को प्रभावित कर रही है। जिससे फसल उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। नहर की सिल्ट सफाई को लेकर विभाग भी आंखें मूंदे है, जिसके चलते नहर और किसान दोनों पर संकट खड़ा हो रहा है। 

क्षेत्र के गंगासागर शुक्ला, हरना गांव निवासी भोले , रज्जन पाठक, सुरेश, कपिल आदि किसानों की जिला प्रशासन से मांग है कि नहरों में फेंके जा रहे कूड़ा करकट पर अंकुश लगाया जाए। नहर में सिल्ट सफाई का कार्य अविलंब करवाया जाए।

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