बदायूं: घरों पर हुए हवन-पूजन, कन्याओं को कराया भोज

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Published By Moazzam Beg
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बदायूं, अमृत विचार। बुधवार को वासंतिक नवरात्रि के अंतिम दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की गई। मां सिद्धिदात्री कष्टों को हरने वाली और सभी कार्यों को सिद्ध करने वाली हैं। 

मान्यता है कि अगर नवरात्र पूजन में कोई त्रुटि हो जाती है तो मां सिद्धिदात्री के पूजन के बाद पूर्णता सफल हो जाती है। नगला स्थित मां काली के मंदिर में सैकड़ों देवी भक्तों ने विधि विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना की। इसके बाद कन्याओं को भोजन कराकर व्रत परायण किया।

देवी मंदिरों पर खासी भीड़ रही। यज्ञ हवन का सिलसिला जारी रहा। श्रद्धालुओं ने व्रत पूर्ण होने के साथ भंडारे का आयोजन किया। शहर के तमाम देवी मंदिरों पर भारी भीड़ रही। रामनवमी की सुबह से ही शहर के प्राचीन नगला देवी मंदिर पर भक्तों की लाइन लग गई। श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो, मंदिर प्रबंधन की ओर से इसके लिए पूरी तैयारी की थी। पुलिस भी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थी। 

भीड़ को देखते हुए पुलिस ने बैरियर लगाकर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा रखी थी। वहीं बड़ी संख्या में मां काली के मंदिर पहुंचे भक्तों ने फल, फूल आदि मां के चरणों में अर्पण कर अपने परिवार की खुशहाली के लिए मन्नत मानी। इसके बाद कन्याओं को भोजन कराया। भेंट स्वरूप कपड़े, दक्षिणा आदि प्रदान किए। मंदिर के बाहर माता के भक्तों द्वारा जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन किया गया। यह सिलसिला दोपहर तक जारी। 

इसके बाद भीड़ छटने लगी। शाम को फिर से देवी भक्तों का मंदिर में तांता लग गया। मंगला आरती के बाद भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान वह माता रानी के जयकारे  लगाते रहे। जिससे वातावरण भक्तिमय रहा। वहीं दूसरी ओर घरों भी हवन पूजन किया गया। इसके बाद नौ दिनों  तक उपवास रखने वाले माता भक्तों ने छोटी-छोटी कन्याओं को भोजन कराया। कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्होंने प्रसाद ग्रहण कर व्रत का परायण किया।

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