डॉ. आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस : सीएम योगी बोले- तुष्टिकरण की नीति पर चलने वाले दल देश का कर रहे अहित

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि तुष्टिकरण की नीति पर चलने वाले दल न केवल भारत का अहित कर रहे हैं, बल्कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का भी अपमान कर रहे हैं।

बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में योगी ने कहा कि प्रायः कुछ शरारती तत्व मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास करते हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है कि जहां भी बाबा साहेब की मूर्तियां लगी हैं, वहां बाउंड्रीवाल बनाकर उन मूर्तियों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही मूर्तियों पर छत्र भी लगाया जाएगा, जिससे बाबा साहेब की मूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

सीएम योगी ने डॉ. निर्मल के उस वक्तव्य का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी, संविदा, सफाई कर्मचारियों को उचित मानदेय मिले। योगी ने कहा " हमारी सरकार ने कॉरपोरेशन का गठन किया है। अगले एक-दो महीने के अंदर ही सरकार चतुर्थ श्रेणी, संविदा, सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम मानदेय देने की गारंटी उपलब्ध कराएगी।" मुख्यमंत्री ने कहा " हमें संविधान और बाबा साहेब पर गौरव की अनुभूति होती है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने उस समय भी खतरों से जागरूक किया था।"

कांग्रेस के बड़े नेता का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 1923 में वंदे मातरम गाने से इंकार कर दिया था। जब उनका अंतिम समय आया तो उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि येरूशलम में मरूं। तब बाबा साहेब ने टिप्पणी की थी कि जो व्यक्ति भारत में पैदा होकर यहां की सुविधा का उपभोग करके भी भारत की धरती को पवित्र न मानता हो, उसका वक्तव्य कभी भी भारतवासियों के हित में नहीं हो सकता। 

अतिथियों का स्वागत आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, महापौर सुषमा खर्कवाल, आंबेडकर महासभा के प्रदेश अध्य़क्ष प्रमोद कुमार, महामंत्री अमरनाथ प्रजापति, कोषाध्यक्ष सत्या दोहरे आदि की उपस्थिति रही।  

(न्यूज सोर्स : भाषा एजेंसी)

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