आईटी–इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का ग्लोबल ब्रांड्स बना UP, पारदर्शी नीतियों से विदेशी कंपनियों का विश्वास बढ़ा
लखनऊ, अमृत विचार: आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में लखनऊ, नोएडा, कानपुर और ग्रेटर नोएडा ग्लोबल ब्रांड्स के नए केंद्र बन रहे हैं। लगातार बढ़ते विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के दौरे और विभिन्न देशों द्वारा यूपी को निवेश योग्य श्रेणी में प्राथमिक स्थान पर रखना इसकी पुष्टि करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश वैश्विक निवेश का नया केंद्र बनकर उभर रहा है।
दुनिया भर की कंपनियां अपने निवेश के लिए सुरक्षित, पारदर्शी और बड़े बाजार वाले विकल्प तलाश रही हैं और ऐसे में यूपी अपनी विशाल आबादी, मजबूत उपभोक्ता आधार, उत्कृष्ट कनेक्टिविटी, तेजी से उभरते औद्योगिक ढांचे और स्थिर नीतिगत वातावरण के कारण शीर्ष पसंद बनता जा रहा है। हाल ही में विदेशी निवेश पर प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ संभावनाओं का नहीं, बल्कि निवेश के भरोसे का राज्य बन गया है।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में प्रदेश की प्रगति विशेष रूप से उल्लेखनीय है। नोएडा आज देश का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है। मोबाइल और कंपोनेंट निर्माण में एप्पल, सैमसंग जैसे वैश्विक ब्रांडों के सप्लाई चेन पार्टनर बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। नोएडा–ग्रेटर नोएडा में विकसित हो रहा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर प्रदेश को एशिया के प्रमुख टेक्नोलॉजी केंद्रों की कतार में खड़ा कर रहा है।
औद्योगिक माहौल में बड़ा बदलाव
पिछले साढ़े आठ वर्षों में योगी सरकार ने प्रदेश के औद्योगिक परिवेश में ऐतिहासिक सुधार किए हैं। पारदर्शी नीतियां, कानून-व्यवस्था में भारी सुधार, सिंगल-विंडो सिस्टम के जरिए त्वरित अनुमति और निवेशकों की समस्याओं के समाधान की प्रभावी व्यवस्था ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का भरोसा बढ़ाया है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को देश का सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र बनाया जाए और इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है।
रोजगार और कौशल विकास को नई दिशा
वैश्विक कंपनियों के आगमन ने रोजगार के अवसरों में बड़ा विस्तार किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, लॉजिस्टिक्स और ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़े क्षेत्रों में लाखों युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सरकार का कौशल विकास मिशन विदेशी कंपनियों की जरूरत के अनुरूप स्किल्ड युवाओं की फौज तैयार कर रहा है।
यूपी में विदेशी निवेश के ताजा आंकड़े
• वर्ष 2025–26 (सितंबर 2025 तक) उत्तर प्रदेश को 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्राप्त।
• अक्टूबर 2019 से अब तक संचयी एफडीआई: 2,754 मिलियन अमेरिकी डॉलर।
• वर्तमान अवधि में 5,963 करोड़ रुपये का एफडीआई प्रवाह, पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि।
• एफडीआई–एफसीआई फॉर्च्यून–500 नीति, 2023 के तहत:
o 11 प्रस्ताव: 13,610 करोड़ रुपये
o 22 आवेदन: 17,810 करोड़ रुपये
o पाइपलाइन में 29 प्रस्ताव: 56,000 करोड़ रुपये
• प्रमुख निवेशक देश: जापान, अमेरिका और बेल्जियम।
