मैडम... यहां भी आइये, रामनगर में बसे हैं ''बाहरी''... एलडीए के बेचे गए भूखंडों पर भू-माफिया का कब्जा, 19 साल से कब्जा पाने को भटक रहे आवंटी, जिम्मेदार मौन
लखनऊ, अमृत विचार : एलडीए की राम नगर कॉलोनी में भी आइये महापौर मैडम... जहां 19 साल से बाहरी लोग आवंटियों के भूखंडों पर कब्जा करके बसे हैं। पक्के मकान बनाकर रिश्तेदार और परिचितों को बुलाकर कुनबा बढ़ा रहे हैं। घरों के अंदर से ही कारोबार करते हैं और धीरे-धीरे सरकारी जमीन पर कब्जा करके बढ़ रहे हैं। इनकी न कभी जांच हुई न ही कार्रवाई की गई। राजनीतिक संरक्षण भी इन्हें प्राप्त है और इसकी आड़ में यह बढ़ते जा रहे हैं और मूल आवंटी अपने भूखंड पाने की आस में चक्कर लगा रहे हैं।
इन दिनों शहर में बसे बांगलादेशी और रोहिंग्या की बस्तियों में जाकर महापौर सुषमा खर्कवाल खुद इनकी पड़ताल करके कार्रवाई कर रहीं है। यह देखते हुए ऐशबाग स्थित राम नगर कॉलोनी के आवंटियों उनके भूखंड पाने की आस जगी है और राम नगर से बाहरी को खदेड़ने की मांग की है। दरअसल, एलडीए ने वर्ष 1985 में 12 बीघा नजूल की जमीन लेकर वर्ष 2001 में तीन बीघा में राम नगर योजना बनाई थी। योजना वर्ष 2003 में लांच करके 900 व 1200 स्क्वायर फीट के 80 भूखंड लॉटरी करके बेच दिए। सभी की मूल आवंटियों ने 2006 में रजिस्ट्री करा ली। उनके काबिज होने से पहले एक भूमाफिया ने जमीन कब्जा करके बाहरी लोगों को बेच दी। उन्हीं भूखंडों पर धीरे-धीरे 40 से अधिक झुग्गी-झोपड़ी बनाकर परिवार रहने लगे और कबाड़, गैराज समेत अन्य कारोबार करने लगे। इनकी गतिविधियां भी संदिग्ध हैं।
जल्द एलडीए करेगा बड़ी कार्रवाई
बाहरी को हटाने के तमाम प्रयास किए गए। पूर्व में मुनादी कराई गई और पुलिस फोर्स भी गया, लेकिन कभी पथराव तो कभी विरोध करके कामयाब नहीं होने दिया। इस वजह से मूल आवंटी अब तक काबिज नहीं हो पाए हैं। बिजली, पानी, सीवर लाइन, सड़क आदि कार्य कराने के लिए 1.80 करोड़ रुपये का टेंडर जारी हुआ था। यह कार्य भी लोगों ने होने नहीं दिए। इसी जुलाई में एलडीए के समाधान दिवस में आवंटियों द्वारा मंडलायुक्त से शिकायत करने पर कमेटी बनाकर सर्वे कराने के निर्देश दिए थे। इस पर एलडी की तरफ से बड़े स्तर पर कार्रवाई करने की तैयारी है।
