अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा पथ का निर्माण तेज, ओवरब्रिज अंडरपास से परिक्रमा होगी निर्बाध
गोसाईगंज/अयोध्या, अमृत विचार : अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा पथ के निर्माण में तेजी आ गई है। पथ के श्रृंगी ऋषि आश्रम के पास सरयू नदी पर पुल का निर्माण शुरू कर दिया गया है। परिक्रमा पथ के कुछ स्थानों पर ओवरब्रिज निर्माण शुरू कर दिया गया। हाईवे के क्राॅसिंगों पर ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव है। मिट्टी पटाई के साथ पथ निर्माण पहले से ही चल रहा है। सरयू पर नए पुल के निर्माण से कई जिलों के लिए आवागमन की सुविधा बढ़ेगी।
अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा पथ को फोर लेन बनाया जा रहा है। मार्ग आधुनिकतम सुविधाओं से युक्त होगा। यह परिक्रमा पथ अयोध्या के साथ अंबेडकरनगर, बाराबंकी, गोंडा और बस्ती जिलों से निकल रहा है। अयोध्या के पूर्व सांसद लल्लू सिंह के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फोर लेन परिक्रमा पथ का शिलान्यास किया था। लगभग 237 किमी लंबे इस पथ के निर्माण पर लगभग सात हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
पथ के निर्माण के लिए छह खंडों में किसानों से जमीन की खरीद किए जाने के साथ ही निर्माण शुरू कर दिया गया है। ऊंचगांव रामपुर भगन के पास ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू है। बीकापुर तहसील क्षेत्र सहित जिले में जहां जमीनें ले ली गईं वहां मिट्टी पटाई के साथ पथ का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। अयोध्या-लखनऊ हाईवे, अयोध्या-रायबरेली और अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर ओवरब्रिज बनाए जाने का प्रस्ताव बताया गया है।
पथ के निर्माण के लिए अब सरयू नदी पर फोरलेन पुल बनाए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। सरयू पर दो स्थानों पर पुल प्रस्तावित है। सदर तहसील के शेरवाघाट पर पुल का निर्माण शुरू कर दिया गया, जबकि शुजागंज के पास भी सरयू पर पुल का निर्माण प्रस्तावित है। मया बाजार के शेरवाघाट पर पुल के निर्माण से लोगों में खुशी देखी गई। इसी स्थान से 84 कोसी परिक्रमा करने वाले नाव से सरयू नदी को पार करके बस्ती से अयोध्या में प्रवेश करते हैं।
परिक्रमा मखौड़ा धाम बस्ती से होती है शुरू
-परिक्रमा मखौड़ा धाम बस्ती से शुरू होती है। यह हनुमान बाग होते हुए श्रृंगी ऋषि आश्रम फिर आगे मार्ग महबूबगंज, गोसाईगंज, तारुन बाजार से होते हुए बाराबंकी और गोंडा होते हुए पुनः मखौड़ा धाम लौटती है।
पुल बनने से कई जिलों को होगा लाभ
-श्रृंगी ऋषि आश्रम के पास फोरलेन पुल बनने से परिक्रमा करने वालों के साथ कई जिले को लोगों को आवागमन में लाभ होगा। बस्ती, गोरखपुर, गोंडा, बहराइच, अकबरपुर के साथ सुल्तानपुर और प्रयागराज तक जाने वाले इसका उपयोग कर सकेंगे। अयोध्या मेलों के दौरान यातायात भी इधर से डायवर्ट किया जा सकेगा। आश्रम के महंत बाबा महेंद्र दास गोस्वामी ने कहा कि पुल बन जाने से आसपास के साथ कई जिलों के बीच आवागमन, व्यापार और सामाजिक संबंधों में वृद्धि होगी। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। पुल निर्माण पर युवा नेता बृजेश त्रिपाठी, गजेंद्र पांडे, दिलीप तिवारी, आशुतोष पाठक, राजू सिंह, संतोष तिवारी, टिकोरी सिंह, फूल सिंह, दिलीप सिंह आदि ने सरकार के प्रयास की सराहना की।
सोहावल ओवरब्रिज के पास डिवाइडर काट बनाया गया रास्ता
सोहावल तहसील क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर सोहावल ओवर ब्रिज के पास एक पेट्रोल पंप के सामने डिवाइडर काटकर रास्ता बनाने का मामला सामने आया है, लेकिन संबंधित विभाग के लोग मौन हैं।नेशनल हाईवे के किनारे बसे गांव के सामने डिवाइडर पर टीन की चद्दर लगा दी गई। खेती करने वाले किसानों की परवाह नहीं की गई। दूसरी जगह रातों रात डिवाइडर काटकर रास्ता बना दिया गया। इसे लेकर गांव के लोग नाराज हैं। विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। बरई कला के गुड्डू यादव, मणिकांत मिश्र, संदीप कुमार, कुबेर दत्त, अनुराग यादव का आरोप है कि नेशनल हाईवे काे फोरलेन करने के दौरान डिवाइडर बनाकर आधा दर्जन गांव को दक्षिण और उत्तर में बांट दिया गया।
खेती करने के लिए किसान जान जोखिम में डालकर डिवाइडर क्राॅस कर जाना पड़ता है। टीन की चद्दर से आना जाना मुश्किल हो गया। पांच सौ मीटर विपरीत दिशा में चलकर आना जाना पड़ता है। अरकुना, भेलसर लोहे का पुल बना दिया गया, लेकिन बरई कला में यह सुविधा नहीं दी गई। एक स्थान पर डिवाइडर काटे जाने को वह दोहरा मापंदंड बताते हैं। हाईवे मेंटेनेंस विभाग और सुरक्षा के लिए दौड़ रही पिकेट के बावजूद रातों-रात लगभग बीस मीटर डिवाडर काटा जाने को विभागीय कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं। कहते हैं कि किसी को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारी आंख मूंदे हुए हैं। मेंटनेंस अधिकारी विनोद मिश्र ने जानकारी होने की बात कही। बगल में सीसीटीवी कैमरा है, लेकिन डिवाइडर काटने वाले आरोपी के बारे में जानकारी होने से विभाग इन्कार कर रहा है। काटे गए डिवाएडर को पुनः बनाए जाने की बात कही है।
रिंगरोड पटाई के बदले दिए जा रहे तालाबों के स्वरूप
रिंगरोड और 84 कोसी परिक्रमा पथ की पटाई के लिए तालाबों के स्वरूप बदल दिए जा रहे हैं। पुरानी धरोहरों को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। ताजा मामला बीकापुर से सामने आ रहा है। इसके पहले ऐसा ही मामला सोहावल में सामने आया था, जिसकी शिकायत भी हो चुकी है। सोहावल तहसील क्षेत्र के मोईया कपूरपुर के नेवाती का पुरवा गांव में रिंग रोड निर्माण में मिट्टी पटाई के लिए खोदाई करके तालाब का स्वरूप बदलने की शिकायत पूर्व प्रधान अशोक सिंह ने तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह से की है। बीकापुर तहसील क्षेत्र से भी तालाबों की इसी तरह की खोदाई ठेकेदार से मनमाने ढंग से किए जाने की शिकायतें रही हैं। बताया तो यहां तक गया कि शिकायत के बाद जांच की गई, लेकिन न तो आगे इस तरह की खोदाई रुकी और न ही कोई कार्रवाई सतह पर आई।
ये भी पढ़े :
30 जून तक पूरा हो ड्रेनों की सफाई का काम, जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में बाढ़ नियंत्रण परिषद की बैठक
