कन्नौज : आधार कार्ड के सहारे टैक्स चोरी में सक्रिय व्यापारी, विभाग की कमजोर निगरानी से बढ़ रही हैं अनियमितताएं
तिर्वा, कन्नौज। क्षेत्र में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों द्वारा आधार कार्ड के जरिए टैक्स चोरी करने का मामला तेजी से बढ़ रहा है। आधार के माध्यम से सालाना 40 लाख रुपए तक की खरीद पर जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य न होने के प्रावधान का व्यापारी बड़े पैमाने पर दुरुपयोग कर रहे हैं। राज्यकर विभाग की लापरवाही और कमजोर निगरानी के कारण यह प्रवृत्ति बाजार में अनुचित प्रतिस्पर्धा को बढ़ा रही है।
जानकारी के अनुसार कस्बे में कई पंजीकृत व्यापारी अपनी दुकानों पर वास्तविक खरीद दिखाने के बजाय लेबर, कर्मचारियों और परिजनों के आधार कार्ड पर खरीदारी दर्ज करा रहे हैं। जीएसटी नंबर होने के बावजूद ये लेनदेन विभागीय रिकॉर्ड में शामिल नहीं किए जाते, जिससे सरकार को हर महीने लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है। बाजार में ऐसे व्यापारी कम कीमत पर बिक्री कर खुदरा व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा से बाहर करने की स्थिति में पहुँच रहे हैं।
कस्बे के एक डिस्ट्रीब्यूटर उमेश सिंह ने बताया कि आधार कार्ड पर की गई खरीद का डेटा जीएसटी विभाग में दर्ज नहीं होता, इसलिए टैक्स चोरी करना बेहद आसान हो जाता है। कुछ व्यापारी इस माध्यम से बड़े स्तर पर खरीदकर अपने कर दायित्व से बच जाते हैं। इसका सीधा असर छोटे और मध्यम व्यापारियों की आय पर पड़ रहा है।
व्यापारियों का कहना है कि यदि विभाग आधार आधारित खरीद की निगरानी सख्ती से शुरू कर दे और निश्चित सीमा से अधिक की खरीद पर स्वतः जांच की व्यवस्था लागू करे, तो टैक्स चोरी में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। बाजार की पारदर्शिता के लिए यह कदम बेहद जरूरी है।
इस संबंध में ज्वाइंट कमिश्नर राज्यकर इटावा संतोष कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा अभियान चलाकर ट्रांसपोर्ट और वाहनों की सघन जांच कराई जाती है। आधार पर की गई खरीददारी की सूचना मिलने पर दुकानों का सर्वे कराया जाता है। उन्होंने कहा कि 40 लाख रुपए से अधिक टर्नओवर पर पंजीकरण अनिवार्य है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
