बाराबंकी: एसआरएमयू में गुस्सा बरकरार, मियाद पर टिकी नजर
सुलगती चिंगारी जैसे एसआरएमयू के अंदरुनी हालात
बाराबंकी, अमृत विचार। श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में फीस, अटेंडेंस व फाइन को लेकर चल रहा विवाद थम भले ही गया हो पर खत्म नहीं हुआ है। छात्र छात्राओं में आक्रोश बराबर कायम है। पांच दिन की मियाद 10 दिसंबर को पूरी हो जाएगी एक ओर हालात पर यूनिवर्सिटी प्रशासन नजर बनाए हुए है तो एबीवीपी ने विवाद को लेकर स्पष्ट किया है कि अगर यूनिवर्सिटी ने जुमाना लगाना बंद न किया तो उनका संगठन विरोध पर उतरेगा।
अगले सेमेस्टर की फीस एडवांस जमा कराकर ही वर्तमान परीक्षा में बैठने देने, फीस का बकाया कम होने पर भी फाइन लगाने व हाजिरी कम होने पर परीक्षा में शामिल न होने देने के निर्णय से भीतर ही भीतर नाराज छात्र छात्राओं का आक्रोश फट पड़ा और दो दिन पहले एकत्र होकर यहां के हर अहम ओहदे पर बैठे जिम्मेदार से बात करने व शिकायत रखने का प्रयास किया पर एवज में उन्हे फटकार, धक्का मुक्की ही हाथ आई।
प्रशासन ने बाउंसर का सहारा लिया और दबाव बनाने की कोशिश की। इस बीच यहां के कुलपति प्रोफेसर विजय तिवारी ने बीच में पड़कर दस दिसंबर तक की मोहलत दी और अपना पक्ष रखा। यहां का प्रबंधतंत्र फिलहाल विवाद को खत्म मानकर चल रहा पर अंदरुनी स्थिति संकेत दे रही कि विवाद थमा है न कि खत्म हुआ है।
शनिवार को भी यूनिवर्सिटी परिसर में खासा मजमा लगा रहा। यहां के प्रशासन की नजर खत्म होने वाली मियाद के बाद उपजने वाली स्थिति पर है और भय भी कि कहीं फिर से विवाद सिर न उठा ले। इस बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष सत्यव्रत त्रिपाठी ने बताया कि यहां मनमानी नई बात नहीं है।
मामूली फीस रहने पर भी फाइन लगाया जा रहा। सबसे बड़ी विडंबना यह कि कोई सुनने को तैयार नहीं है। एबीवीपी हालात पर नजर बनाए हुए है, यहां के प्रशासन ने महज पांच दिन दिए हैं। इसके बाद भी फाइन की परंपरा खत्म न हुई तो परिषद कदम उठाएगा।
