Cough syrup smuggling: अमित सिंह टाटा था बजरंगी का करीबी, चिता पर खाई थी विरोधियों को मिटाने की कसमें
वकालत की आड़ में करता था प्रॉपर्टी का कारोबार, गिरोह से दो वर्ष पहले जुड़ा
लखनऊ, अमृत विचार: फेंसेडिल कफ सिरप तस्करी में गिरफ्तार अमित सिंह टाटा वाराणसी के सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष राजा आनंद ज्योति सिंह की हत्या का आरोप है। उनकी जहर देकर हत्या की गई थी। उपाध्यक्ष के पिता ने चौबेपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। टाटा मुन्ना बजरंगी का खास गुर्गा था। उसने बजरंगी की चिता पर विरोधियों को मिटाने की कसम खाई थी। कोई बड़ा बाहुबल व राजनीतिक ठिकाना न मिलने पर जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की शरण में चला गया। टाटा ने आपराधिक कृत्यों को छिपाने के लिए वकालत भी की। वह पूर्व में सेंट्रल बार एसोसिएशन प्रबंध समिति का सदस्य भी रह चुका है। दो वर्ष से वह शुभम के संपर्क में आया। कफ सिरप कांड में कार्रवाई शुरू होने पर टाटा पूजा-पाठ करने लगा। एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक व अन्य के साथ उज्जैन महाकाल के दर्शन करने गया था। वहां से लौटते ही एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने बर्खास्त सिपाही को भी हिरासत में ले लिया था, लेकिन पूर्व सांसद के प्रभाव में छोड़ दिया गया। टाटा के खिलाफ पर्याप्त पुख्ता साक्ष्य होने के कारण पूर्व सांसद ने कदम पीछे खींच लिए।
गाड़ियों के काफिले से चलने लगा था अमित
शुरूआती दौर में अमित सिंह टाटा सिर्फ एक स्कार्पियो से चलता था। पिछले डेढ़ वर्ष के अंदर ही उसके पास गाड़ियों का काफिला हो गया। उसने डेढ़ वर्ष के अंदर ही तीन लक्जरी गाड़ियां खरीदी। इसमें फार्च्यूनर, स्कार्पियो शामिल हैं। इन गाड़ियों के काफिले से वह वाराणसी, लखनऊ व जौनपुर में घूमता था। पुलिस के मुताबिक डेढ़ वर्ष में तीन गाड़ियां शुभम जायसवाल ने ही उसे खरीदकर दी थी। शुभम ने अमित को इसलिए साथ रखा कि पूर्वांचल के माफिया व दबंग उससे रंगदारी न मांगे। एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया कि पूर्वांचल के तीन नेताओं को शुभम जायसवाल ने लैंड क्रूजर और फार्च्यूनर जैसी गाड़ियां गिफ्ट में दी हैं। दुबई में बैठे शुभम जायसवाल के करीबी वरुण सिंह, गौरव जायसवाल, सिगरा के होटल और रियल एस्टेट कारोबारी समेत अन्य कई नाम का खुलासा होना बाकी है। पूर्वांचल के जौनपुर, चंदौली, वाराणसी के कई नेताओं और रसूखदारों को शुभम लाभान्वित कर चुका है। एप्पल के मैकबुक में शुभम ने सभी का काला चिट्ठा का हिसाब रखा हुआ है। साड़ी, होटल, बालू, कोयला, सरिया समेत अन्य कारोबार में भी शुभम ने कदम बढ़ा दिए थे।
