पीलीभीत: व्यापारी नेता ने डेढ़ करोड़ बिक्री में जमा किया 50 हजार टैक्स, GST टीम ने पकड़ी कर चोरी 

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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पीलीभीत, अमृत विचार। शहर की चर्चित बदनाम लस्सी प्रतिष्ठान के मालिक एवं उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के मंडल उपाध्यक्ष डालचंद सक्सेना के प्रतिष्ठान पर जीएसटी चोरी पकड़ी गई। छापेमारी के दौरान पिछले वित्तीय वर्ष में डेढ़ करोड़ से अधिक की भारी-भरकम बिक्री के बावजूद प्रतिष्ठान ने महज़ 50 हजार रुपये टैक्स जमा किया, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में फर्जी तरीके से आईटीसी का लाभ उठाकर राजस्व को चूना लगाया। निरीक्षण के बाद टीम ने न सिर्फ स्टॉक सीज किया, बल्कि टैक्स चोरी के लंबे सिलसिले की भी परतें खोल दीं। 

उन पर कुल 17.50 लाख का टैक्स निकाला। जिसमें उनके द्वारा मौके पर दो लाख रुपये जमा किए गए। टीम ने उन्हें शेष टैक्स जमा करने के लिए 10 दिसंबर तक का समय दिया है। साथ ही अन्य अभिलेख भी जब्त किए हैं। छापेमारी से व्यापारियों में खलबली मच गई। जानकारी पर संगठन के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। हालांकि टीम अपनी कार्रवाई में जुटी रही। बता दें कि असम चौराहा पर स्थित चर्चित बदनाम लस्सी प्रतिष्ठान को लेकर बीते दिनों में बिल न देने और टैक्स चोरी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत मिलने के बाद जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्व सिंह ने टीम के साथ शनिवार को उनके प्रतिष्ठान पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान खलबली मच गई। दुकान संचालक ने काउंटर आदि बंद कर दिए। व्यापार मंडल के मंडल अध्यक्ष के प्रतिष्ठान पर हुई छापामारी का पता चलते ही संगठन और अन्य व्यापारी भी मौके पर पहुंच गए।

 शुरुआत में दबाव बनाने की कोशिश की गई, लेकिन टीम के आगे नहीं चल सकी। करीब चार घंटे चली पड़ताल के दौरान वित्तीय वर्ष 2024-25 में डेढ़ करोड़ की बिक्री की गई। जिसके हिसाब से उनका टैक्स 17.50 लाख रुपये बना। मगर उनके द्वारा टैक्स में सिर्फ 50 हजार रुपये जमा किया गया। इतना ही नहीं दुकान के लिए खरीदे गए दूध, चीनी, खोया आदि में टैक्स चोरी की गई। उन्होंने  आईटीसी के तहत लाभ लिया। इसके अलावा मौके पर मौजूद ग्राहकों को कोई भी बिल जारी नहीं किया जा रहा है। इस पर पिछले वित्तीय वर्ष के क्रय विक्रय बिल मांगे गए तो वह नहीं दिखा सके। जोकि सीधे तौर पर टैक्स चोरी साबित हुआ। इतना ही नहीं वर्तमान में भी टैक्स चोरी देखने को मिली है।

 इसके अलावा स्टॉक का भी रिकॉर्ड नहीं मिला। इस पर टीम ने उन्हें टैक्स जमा करने के लिए कहा गया। इस पर संचालक डालचंद सक्सेना के द्वारा मौके पर दो लाख रुपये जमा किए गए। इस पर टीम ने  उन्हें 10 दिसंबर तक बकाया टैक्स जमा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नोटिस जारी किया है। इधर, छापामारी के बाद ये भी चर्चा रही कि दूसरे ब्रांच बदनाम होटल पर भी जीएसटी टीम के निशाने पर है। हालांकि टीम ने होटल पर छापेमारी कार्रवाई नहीं की है। बताते हैं कि टीम गोपनीय ढंग से पड़ताल कर रही है। टीम में  वेदप्रकाश शुक्ला, योगेंद्र सिंह, ताराचंद शामिल रहे।  उधर, व्यापारी नेता डालचंद सक्सेना का कहना है कि टीम के द्वारा जो भी जानकारी मांगी गई, वह उपलब्ध करा दी गई है। 

स्टॉक भी किया गया सील
बदनाम लस्सी के द्वारा टैक्स चोरी के अलावा दुकान और गोदाम में मिले स्टॉक के भी कोई अभिलेख नहीं दिखा सके। दुकान में बड़ी मात्र में कई खाद्य पदार्थ और अन्य सामग्री मिली। उनके बिल अभिलेख नहीं मिले। इतना ही नहीं क्रय किए गए माल को उन्होंने आईटीसी में शामिल करते हुए टैक्स चोरी की गई। इस पर टीम ने उनका स्टॉक भी सील कर दिया है। साथ ही उन्हें अभिलेख प्रदर्शित करने के लिए कहा गया। इतना ही नहीं वर्तमान के स्टॉक और क्रय विक्रय के बिल भी मांगे गए हैं।

जीएसटी कमिश्नर  अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि बदनाम लस्सी प्रतिष्ठान पर टैक्स चोरी और बिल न देने की शिकायत मिल रही थी। इसको लेकर छापेमारी की गई थी। छापेमारी के दौरान पिछले वर्ष में 17.50 लाख की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। मौके पर संचालक ने दो लाख रुपये जमा किए है। शेष के लिए उन्हें समय दिया गया है। इसके अलावा अभिलेख और स्टॉक सील कर दिया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

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