खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज ने माता-पिता से की अपील, कहा- बच्चे की क्षमता को पहचानें और उसके साथ खड़े हों, सफलता आपके पीछे आएगी
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा है कि किसी बच्चे की क्षमताओं को पहचानने और उन्हें निखारने में माता-पिता सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जॉर्ज ने पांच वर्ष की उम्र से ही प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था। जॉर्ज ने शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "पड़ोस के लोग मेरी मां से पूछते थे कि वह मुझे खेल के क्षेत्र में क्यों भेज रही हैं? मां जवाब देती थीं, 'मैं खेलों में उसकी क्षमता को देख सकती हूं।'"
जॉर्ज ने बताया की दूसरों की बातों पर ध्यान न देते हुए उन्होंने (मां) ने दृढ़ता से उनका साथ दिया। उन्होंने बताया कि जब उनकी बेटी प्रशिक्षण करती थी तो उनकी मां पूरा दिन कड़कती हुई धूप में खड़ी रहतीं थीं। जॉर्ज के शब्दों में यह संदेश स्पष्ट था कि अगर माता पिता अपने बच्चे को समझें, उनके भीतर छिपी प्रतिभा को पहचानें और उनके साथ खड़े रहें तो फिर सफलता उन्हें जरूर मिलेगी। पूर्व भारतीय खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज ने 'सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल' के 21वें स्थापना दिवस समारोह में अपने उक्त विचारों को रखा। जॉर्ज जो कि एक ओलंपियन, अर्जुन पुरस्कार विजेता, खेल रत्न प्राप्तकर्ता एवं पद्म श्री पुरस्कार विजेता भी हैं। उन्होंने इस अवसर पर छात्रों एवं उपस्थित लोगों के सामने अपने अनुभवों को साझा किया।
