लखनऊ के बाहर वाले भी शहर में ई-रिक्शा का करवा सकेंगे पंजीकरण

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राजधानी में ई-रिक्शा के पंजीकरण के लिए लखनऊ का स्थायी निवासी होने की अनिवार्य शर्त संबंधी आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी शर्त समानता, व्यवसाय की स्वतंत्रता व जीवन के मौलिक अधिकारों का साफ उल्लंघन है।

कोर्ट के इस आदेश से अब लखनऊ के बाहर रहने वाले भी शहर में ई-रिक्शा का पंजीकरण करा सकेंगे। न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश अजीत यादव की याचिका समेत चार याचिकाओं पर दिया है। याचिकाओं में कहा गया था कि पांच फरवरी, 2025 को सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) लखनऊ के आदेश में राजधानी में ई-रिक्शा के पंजीकरण में दो प्रतिबंध लगा दिए गए थे। 

पहले प्रतिबंध के तहत जिस व्यक्ति के पास पहले से ई-रिक्शा का पंजीकरण है, उसे नए रिक्शे का पंजीकरण नहीं मिलेगा और दूसरे प्रतिबंध के तहत लखनऊ में स्थायी तौर पर निवास करने वाले व्यक्ति को ही नए ई-रिक्शा का पंजीकरण मिलेगा। कोर्ट ने याचिकाएं निस्तारित करके आदेश में लगाए गए इस दूसरे प्रतिबंध को रद्द कर दिया।

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