गांवों में नालियों और सड़कों के निर्माण को दें प्राथमिकता, बोले केशव प्रसाद मौर्य- मनरेगा के नियमानुसार कार्ययोजना करें तैयार 

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की निकासी के लिए नालियों और सुगम आवागमन के लिए आंतरिक सड़कों का निर्माण जरूरी है। हालांकि ग्रामों में बरसात के दिनों में जलभराव की स्थिति गंभीर रूप ले लेती है, जिससे ग्रामीणों को भारी असुविधा होती है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की समस्याओं के निदान के लिए शनिवार को विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए। मनरेगा गाइड लाइन्स में निहित प्राविधानों के तहत कार्य कराने को प्राथमिकता दी । उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामों में जलभराव रोकने हेतु नाली निर्माण तथा नागरिक सुविधाओं के लिए आंतरिक सड़कों का निर्माण प्राथमिकता पर कराया जाए। यह कार्य मनरेगा गाइडलाइन्स में उपलब्ध प्रावधानों के अनुरूप प्राथमिकता से किए जाएं। ग्राम्य विकास आयुक्त जी. एस. प्रियदर्शी ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों और जिला कार्यक्रम समन्वयकों (मनरेगा) को निर्देश दिए गए हैं कि ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत मनरेगा, राज्य वित्त, चतुर्थ राज्य वित्त तथा 14वाँ वित्त आयोग की निधि का अभिसरण कर प्रत्येक ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना के अनुसार कार्यस्थलों का चिन्हांकन किया जाए। इसके तहत आवश्यकता अनुसार पक्का खड़ंजा, नाली निर्माण आदि कार्य कराए जाए।

उन्होंने बताया कि मनरेगा में श्रम-सामग्री अनुपात निर्धारित होने के कारण सामग्री मद सीमित है, इसलिए सामग्री मद से आंतरिक सड़कों और जल निकासी नालियों के निर्माण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि ग्रामों में सामग्री का अधिकतम उपयोग नालियों और सड़कों के कार्यों में हो तथा किसी भी स्थिति में ग्रामों में जलभराव न होने पाए और आंतरिक सड़कों का अभाव न रहे।

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