यूपी : मां की गोद में सो रही बच्ची को उठा ले गया आदमखोर भेड़िया, ताबड़तोड़ तीसरे बच्चे को बनाया निशाना 

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Published By Anjali Singh
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अमृत विचार : उत्तर प्रदेश में तराई के जनपद बहराइच में आमदखोर भेड़िया एक फिर हमलावर हो गए हैं। मां की गोद में सो रही एक साल की बच्ची को भेड़िया अपने जबड़े में फंसाकर उठा ले गया। मां की चीख पर घरवाले उठे, तब तक भेड़िया खेतों की तरफ भाग चुका था। दहशत के बीच भोर में ही गन्ने के खेत खंगाले गए, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला। इलाके में भेड़ियों के ताबड़तोड़ हमलों से एक बार फिर खौफ का माहौल बनता जा रहा है। 

घटनाक्रम कैसरगंज थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोडहिया नंबर-4 के मजरा जरूवा गांव का है। राजकुमार की एक वर्ष की बेटी आरवी अपनी मां रामकुमारी के साथ घर में सो रही थी। शनिवार को तड़के भेड़िया घर में घुसा और बच्ची को उठा ले गया। मां की नींद टूटी तो बेटी गायब थी। वह चीखने-चिल्लाने लगीं, तब तक भेड़िया फरार हो चुका था। 

घर में शोर-शराबे पर मुहल्ले वाले पहुंचे और देखते ही देखते पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। बच्ची की तलाश में ग्रामीणों ने खेत खंगालने शुरू किए। रामकुमारी एक दिन पहले ही लालपुरवा स्थित अपनी ससुराल से मायके-जरूवा आई थीं और अगले ही दिन ये खौफनाक घटना घट गई। 

बच्ची को भेड़िया उठा ले गया-सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीमें गांव पहुंच गईं। थाना प्रभारी बृजेंद्र कुमार मिश्रा ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की।

इससे पहले 5 दिसंबर को भेड़ियों ने दो बच्चों को निशाना बनाया था। ग्राम पंचायत गोड़हिया नंबर तीन के मजरा मल्लहनपुरवा में बलिराम के घर भेड़िए ने धावा बोला था। वह उनकी 5 साल की बेटी अनुष्का निषाद को उठाकर भागा। अनुष्का की चीखों पर घर और गांव वाले उसके पीछे दौड़े तो भेड़िया बच्ची को छोड़कर भाग गया था। अनुष्का के शरीर पर भेड़िए के दांतों के घहरे जख्म हो गए। दूसरी घटना भी इसी ग्राम पंचायत के बबुरी गांव की है। कमलेश कुमार की 5 वर्ष की बेटी सुबह को घर के बाहर खेल रही थी। तभी भेड़िया उसे उठाकर भाग गया। ग्रामीणों के पीछा करने और घेराबंदी पर उसे गन्ने के खेत में छोड़ गया था। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक वन विभाग इलाके में ड्रोन से निगरानी कर रहा है। डीएफओ राम सिंह यादव ने ग्रामीणों से कहा कि सतर्क रहें। बच्चों को अकेला न छोड़ें। 

बहराइच में पिछले साल भी आदमखोर भेड़ियों ने भयंकर आतंक मचाया था। पिछले साल सितंबर माह तक भेड़ियों के हमलों में करीब दो दर्जन बच्चे मारे और घायल हुए थे। इस बार सर्दी बढ़ने के साथ ही भेड़िएं खूंखार हो गए हैं और आबादी में घुसकर घरों से बच्चे-बच्चियां उठा ले जा रहे हैं। 

दरअसल, बहराइच के ग्रामीणों इलाकों में जहां, भेड़ियों के हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं-वहां कच्चे आवास हैं। इसी का फायदा उठाकर भेड़िया घरों में घुसते हैं और बच्चों को उठा ले जाते हैं। पिछले साल भेड़ियों के खौफ से कुछ इलाकों में पूरी रात रतजगा हुआ करता था। रात-रात जागकर ग्रामीण, भेड़ियों से अपने बच्चों की सुरक्षा करते थे। दिसंबर में ताबड़तोड़ तीन घटनाएं सामने आने के बाद अब फिर से वैसे ही परिस्थितियां बनती जा रही हैं।'

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