मस्कुलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड से मांसपेशियों और हड्डियों की होती है सटीक जांच, डॉक्टर बोले- जल्द इलाज में है कारगर
लखनऊ, अमृत विचार : मस्कुलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड जांच के जरिये बीमारी की त्वरित और सटीक जानकारी पता की जा सकती है। इससे शरीर की मांसपेशी, बोन, ज्वाइंट समेत अन्य ऊतकों की समस्या को शीघ्र पहचान कर डायग्नोसिस बनाई जा सकती है। जिससे इलाज शुरू होने में समय कम लगता है और मरीज को जल्द राहत दिलाया जा सकता है।
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यह कहना है संजय गांधी पीजीआई के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में डिपार्मेंट आफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन के प्रमुख प्रोफेसर डॉ सिद्धार्थ राय का। वह एपेक्स ट्रामा सेंटर में आयोजित वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से जांच में केवल समय की ही बचत नहीं होती बल्कि इसमें खर्च भी कम होता है। इतना ही नहीं इस जांच से कोई नकारात्मक प्रभाव भी शरीर पर नहीं पड़ता है।
दरअसल, संजय गांधी पीजीआई के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर स्थित डिपार्मेंट आफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग की तरफ से शनिवार को प्री कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप का आयोजन किया गया था, जिसका उद्घाटन एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. डॉ. आरके धीमान, ट्रॉमा सेंटर के चीफ प्रोफेसर डॉ एके श्रीवास्तव, लोहिया संस्थान स्थित पीएमआर विभाग के एचओडी प्रो. डॉ. वीएस गोगिया के द्वारा किया गया।
इस दौरान मस्कुलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड से शरीर के हाथ पैर के सभी नसों और ऊतकों की जांच का व्याख्यान और सजीव प्रदर्शन, प्रमुख विशेषज्ञ वक्ता जयपुर की डॉ कंचन शर्मा और सफदरजंग हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ हरलीन उप्पल के द्वारा किया गया। वहीं कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉक्टर स्निग्धा, डॉ अंजना, डॉ रूपाली, डॉ सुरुचि सहित 100 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
