कानपुर : 20 साल से परेशान, नहीं हुआ समाधान, लाटूश रोड व्यापार मंडल की पूरी नहीं हुई यह मांग
5 से 7 हजार खरीदार रोज आते हैं बाजार, सुविधा न होने से परेशानी
कानपुर, अमृत विचार। लाटूश रोड व्यापार मंडल के व्यापारी पिछले बीस सालों से बाजार में शौचालय न होने की समस्या से परेशान है। इस समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से अपनी गुहार लगा रहे हैं। अब व्यापारी अपनी परेशानी मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की योजना बना रहे हैं। शहर में मशीनरी के लिए मशहूर लाटूश रोड बाजार में रोजाना 5 से 7 हजार खरीदार रोजाना आते हैं। बाजार में उत्पदों को खरीदने के लिए दूसरे जिले के खरीदार भी शहर आते हैं।
उधर बाजार में घरों में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों को पसंद करने के लिए महिलाएं भी बाजार का रुख करती है। बाजार में 550 दुकानें हैं और यहां के व्यापरियों का यह भी दावा है कि पूरे प्रदेश की कोई भी इंडस्ट्री बगैर इस बाजार के नहीं चल सकती। बावजूद इसके बाजार में व्यापारी सिर्फ एक अनिवार्य सुविधा के लिए दशकों से प्रयासरत हैं।
व्यापारियों ने बताया कि बाजार में शौचालय की मांग को लेकर सभी विभागों के अधिकारियां के साथ बैठकें हो चुकी हैं। इसके अलावा बाजार आने वाले हर प्रतनिधि से भी इस बाबत शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है। बावजूद इसके बाजार की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। अब व्यापारी दौड़-दौड़ कर परेशान हो चुके हैं। तय किया गया है कि इस समस्या को अब मुख्यमंत्री के समक्ष ले जाया जाएगा। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
बाजार में 550 दुकानें हैं, बड़ी संख्या में कर्मचारी व पल्लेदार के साथ खरीदार बाजार में मौजूद हैं। शौचालय न होने से बाजार आने वाले लोगों को बड़ी परेशानी होती है। जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी इस परेशानी को सिर्फ सुनते हैं, उसका समाधान आज तक नहीं निकल सका है... अनिल गर्ग, महामंत्री।
शौचालय न होने से लोग आस-पास की गलियों का रुख शौचालय के इस्तेमाल के लिए करते हैं। इससे कई स्थान ऐसे भी हैं, जहां पर लोगों ने जाना तक छोड़ दिया है। सबसे अधिक परेशानी बाहर से बाजार आने वाले खरीदारों को होती है... रवि प्रकाश, अध्यक्ष।
बाजार में समस्याओं की वजह से कई बार व्यापारियों को खरीदारों के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ जाता है। इससे बाजार की ख्याति पर भी असर पड़ता है। इतने प्रयास के बाद भी समस्या बनी हुई है। अधिकारी हैं कि वे समस्या पर ध्यान ही नहीं देते हैं... पंकज अग्रवाल, कोषाध्यक्ष।
यह सिर्फ बाजार की समस्या नहीं यहां पर आने वाले हर व्यक्ति की समस्या है। इन छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान न होने से यह बड़ा रूप ले लेती हैं। अब यह समस्या कई तरह की अन्य समस्याओं की जननी बन गई है... अरुण अग्रवाल, उपाध्यक्ष।
