KGMU में महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न केस में आरोपी डॉक्टर बरी, सात सदस्यीय विशाखा कमेटी को जांच में नहीं मिले सुबूत
रिपोर्ट महिला आयोग को भेजी जाएगी
लखनऊ, अमृत विचार : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में महिला प्रोफेसर द्वारा जूनियर डॉक्टर पर लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों की जांच पूरी हो गई है। सात सदस्यीय विशाखा कमेटी को जांच के दौरान आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सुबूत नहीं मिले, जिसके बाद आरोपी डॉक्टर को क्लीन चिट दे दी गई है। पूरी रिपोर्ट राज्य महिला आयोग को भेजी जाएगी।
प्रकरण में महिला प्रोफेसर ने विभागीय परचेज कमेटी की बैठक के बाद जूनियर डॉक्टर पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। केजीएमयू से सुनवाई न होने पर मामले की शिकायत राज्य महिला आयोग में हुई थी। जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए केजीएमयू प्रशासन ने इसे विशाखा कमेटी को संदर्भित किया।
जांच टीम ने शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों के बयान दर्ज किए। बैठक में मौजूद स्टाफ, विभागीय कर्मचारियों सहित कई लोगों से पूछताछ की गई। साथ ही, आरोपों वाली तारीख और समय के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, परंतु फुटेज में ऐसा कोई दृश्य नहीं मिला जो शिकायतकर्ता के दावों को पुष्ट करता हो।
प्रवक्ता डॉ. केके सिंह के अनुसार, समिति ने उपलब्ध सभी साक्ष्यों का निष्पक्ष मूल्यांकन किया और आरोपों की पुष्टि न होने पर आरोपी डॉक्टर को क्लीन चिट प्रदान की है। हालांकि, मामला अभी राज्य महिला आयोग में भी विचाराधीन है और जांच रिपोर्ट आयोग को भेजी जा रही है।
