फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, STF ने नेपाल सीमा पर बहराइच से दबोचा

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: एसटीएफ ने नेपाल सीमा पर बहराइच से फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड प्रमोद निषाद को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार सुबह यह कार्रवाई रजनवा सीमा पर की। आरोपी पोर्टल के जरिये फर्जी जन्म व निवास प्रमाण पत्र तैयार कर आधार कार्ड बनाने में उपयोग करता था। आरोपी ने भारत-नेपाल सीमा पर रहने वाले ढाई हजार से अधिक लोगों का फर्जी आधार कार्ड बनाया है।

यूपी एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में अवैध तरीके से आधार कार्ड बनाकर लोगों को बेचे जाने की सूचनाएं मिल रही थीं। मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि मुर्तिहा थाना क्षेत्र में 29 अक्टूबर 2025 को दर्ज मामले में इस रैकेट के कई सदस्य पहले ही पकड़े जा चुके हैं। जांच में सामने आया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड सेमरी मलमला गांव का प्रमोद निषाद है। पुष्टि होने के बाद सर्विलांस व साइबर टीम को लगाया गया। सर्विलांस से सूचना मिली कि प्रमोद नेपाल भागने की तैयारी कर चुका है। 

टीम ने मुर्तिहा थानाक्षेत्र में घेराबंदी कर शुक्रवार सुबह 4.30 बजे प्रमोद को रजनवा नेपाल बॉर्डर से दबोचा गया। प्रमोद के पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, फर्जी दस्तावेज, बायोमैट्रिक व रेटिना स्कैनर, वेबकैम, चेकबुक, एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड, 2680 रुपये नकद और एक कार बरामद हुई है। पोर्टल डेवलपर, आईडी सप्लायर और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। बरामद लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।

टेलीग्राम-व्हाट्सऐप पर मिला फर्जी पोर्टल

एसटीएफ की पूछताछ में प्रमोद ने बताया कि उसने वर्ष 2021 में जनसेवा केंद्र खोलकर ऑनलाइन काम शुरू किया। करीब एक वर्ष पहले टेलीग्राम पर उसकी बातचीत अकील सैफी नाम के व्यक्ति से हुई। इसने आधार कार्ड बनाने और डिजिटल प्रमाणपत्र तैयार करने का पोर्टल देने की बात कही। प्रमोद ने 35 हजार रुपये अकील सैफी को फोन पे से भेजकर आईडी-पासवर्ड और पूरा सिस्टम एनी डेस्क के माध्यम से सेट करवा लिया। एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक प्रमोद ने पूछताछ में कुबूल किया कि इस वर्ष जनवरी से मार्च के बीच करीब ढाई हजार लोगों के आधार कार्ड बनाये हैं।

कई लोगों को दिया फर्जी आईडी-पासवर्ड

प्रमोद ने कुबूल किया कि उसने अपने जानने वालों को भी एनी डेस्क के जरिए यह पोर्टल और आईडी-पासवर्ड उपलब्ध कराए। एक आईडी के लिए वह 45 हजार रुपये लेता था। जबकि, 35 हजार रुपये अकील सैफी को देता था। प्रत्येक आईडी से रोजाना 20–25 आधार कार्ड बनाए जाते थे। कुल मिलाकर इस गिरोह द्वारा 18-19 हजार आधार कार्ड अपडेट या तैयार किए गए।

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