बरेली: आंवला में किसानों की तबाही की वजह बन गए हैं छुट्टा पशु

सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी नीरज मौर्य ने कहा- नहीं चल पा रहे परिवार, घर-घर महिलाओं की आंखों में हैं आंसू

बरेली: आंवला में किसानों की तबाही की वजह बन गए हैं छुट्टा पशु

बरेली, अमृत विचार। विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहराइच रैली में एलान किया था कि 10 मार्च को चुनाव परिणाम आते ही पूरे प्रदेश को छुट्टा पशुओं से निजात मिल जाएगी, लेकिन निजात मिलने के बजाय छुट्टा पशुओं का आतंक और बढ़ गया। आंवला जो पशुधन मंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है, वहां गांव-गांव महिलाओं की आंखों में आंसू हैं। रात-रात भर खेतों की रखवाली के बाद भी जरा मौका मिलते ही छुट्टा पशु खेतों को तहस-नहस कर जाते हैं। हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी हजारों किसान अपने परिवार का पेट नहीं भर पा रहे हैं।

यह बात आंवला से सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी नीरज मौर्य ने शुक्रवार को एक मुलाकात में कही। उन्होंने कहा कि दावा किया जाता है कि आंवला क्षेत्र में कई गौशालाएं बनी हैं लेकिन ये गोशालाएं कहां बनी हैं, यह किसी को पता नहीं हैं। अगर गोशाला बनी हैं तो छुट्टा पशुओं से परेशान लोग पशुधन मंत्री का काफिला क्यों रास्ते में रोक लेते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार होने के बाद भी कहीं कोई काम नहीं हुआ है। गांवों और सड़कों का बुरा हाल है।

क्या हुआ गोद लिए गांवों का: नीरज मौर्य बोले, पहली बार भाजपा सरकार बनने पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि सभी सांसद हर साल एक-एक गांव गोद लेकर उनका सर्वागीण विकास कराएंगे। इस तरह पांच साल में हर लोकसभा क्षेत्र में पांच गांवों का विकास होगा। आंवला के सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने क्यारा ब्लॉक के रोंधी गांव को गोद लिया था। कोई भी वहां जाकर देख ले कि गांव की हालत कितनी बदतर है। गांव में एक भी विकास का काम नहीं हुआ।

दस साल में कोई काम नहीं कराया: सपा-कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि क्षेत्र में जनसंपर्क से पता चल रहा है कि लोग मौजूदा सांसद से छुटकारा पाना चाहते हैं। वह 10 साल से आंवला के सांसद है लेकिन क्षेत्र में एक भी काम नहीं कराया। 80 फीसदी गांवों के लोगों का कहना है कि पिछले दस साल में उन्हें सांसद के दर्शन तक नहीं हुए है। कहीं कोई उद्योग की ईंट नहीं रखी गई। बोले, भाजपा के लोग हिंदू-मुस्लिम के नाम पर जनता को भ्रमित करके वोट लेना चाहते हैं लेकिन जनता समझ गई है कि वे छलावा कर रहे हैं। इसलिए भरोसा है कि आंवला की जनता इस बार बदलाव के लिए उन्हें आशीर्वाद देगी।

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