रुद्रपुर: उत्तराखंड में 15 साल बाद हुआ बाबा के हत्यारे अमरजीत का एनकाउंटर

रुद्रपुर: उत्तराखंड में 15 साल बाद हुआ बाबा के हत्यारे अमरजीत का एनकाउंटर

मनोज आर्या, रुद्रपुर, अमृत विचार। रणवीर एनकाउंटर के बाद उत्तराखंड में एनकाउंटर की परंपरा बंद हो चुकी थी, लेकिन मंगलवार की तड़के जिस प्रकार कुमाऊं एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन ने बाबा तरसेम के शूटर अमरजीत को मार गिराया। उससे 15 साल फिर एनकाउंटर होने से कहीं न कहीं अपराधियों के जहन में खौफ पैदा हो गया होगा। अमरजीत के एनकाउंटर के बाद फरार चल रहे सर्वजीत और साजिशकर्ता सुल्तान खौफ के साए में जीने को विवश हो गए होंगे।

बताते चलें कि तीन जुलाई 2009 में देहरादून में रणवीर सिंह का फर्जी एनकाउंटर हुआ था और अदालत ने एनकाउंटर के दोषी 18 पुलिसकर्मियों को सजा भी सुनाई थी। रणवीर एनकाउंटर के बाद से प्रदेश में मुठभेड़ और एनकाउंटर होना पूर्णतया बंद हो गया था। बावजूद 28 मार्च को नानकमत्ता के डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा ग्राम सिहोरा बिलासपुर यूपी को कुमाऊं एसटीएफ व हरिद्वार पुलिस के ज्वाइंट टीम ने 15 साल बाद हरिद्वार के भगवानपुर में मार गिराया। उससे यह तो साफ हो गया है कि अब प्रदेश की पुलिस इस खौफ से बाहर निकल चुकी है।

एनकाउंटर किए जाने के पीछे एक मुख्य वजह यह भी है कि मारा गया शूटर पेशेवर अपराधी था और बाबा की हत्या करने के बाद सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था। साथ ही शूटर अमरजीत पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित हो चुका था।

यही कारण है कि एसटीएफ व हरिद्वार पुलिस ने मुठभेड़ में शूटर अमरजीत को मार गिराया, लेकिन बाबा के शूटर के एनकाउंटर के बाद फरार चल रहे दूसरे हत्यारोपी सर्वजीत सिंह निवासी तरनतारन पंजाब और साजिश कर्ता बिलासपुर यूपी निवासी सुल्तान के जहन में उत्तराखंड पुलिस का खौफ जरूर पैदा हो गया होगा, क्योंकि 15 साल बाद एनकाउंटर करके प्रदेश पुलिस ने अपने इरादों को साफ कर दिया है। अमरजीत के एनकाउंटर के बाद फरार चल रहे हत्यारोपी व साजिशकर्ता के जहन में एनकाउंटर का डर सता रहा होगा।