बरेली: बिस्तरों पर नहीं दिखे मतदाता, सीधे बूथ पर पहुंचे

प्रत्याशियों के बिस्तरों पर मौजूद रहे कार्यकर्ता

बरेली: बिस्तरों पर नहीं दिखे मतदाता, सीधे बूथ पर पहुंचे
बहेड़ी मंडी समिति मतदान केन्द्र पर लाइन में लगे मतदाता

बरेली, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव का प्रथम चरण का मतदान शाम छह बजे समाप्त हो गया। पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में समाहित मतदान शुरू होने के बाद से नौ बजे तक बूथों पर काफी चहल पहल रही, लेकिन बाद में काफी मतदाता घर से निकले। दोपहर तीन बजे के बाद एक बार फिर से वोटरों की भीड़ मतदान केंद्रों पर जुटी तो प्रतिशत भी बढ़कर 60 प्रतिशत से अधिक हो गया।

बिस्तरों पर सन्नाटा, सीधे वोट डालने पहुंचे मतदाता
मतदान केंद्रों के आसपास वैसे तो प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की ओर से बिस्तर लगाए गए थे लेकिन उन पर पूरे दिन सन्नाटा ही छाया रहा। पार्टियों के कार्यकर्ता गपशप कर मतदाताओं के रुझान का अंदाजा लगाते रहे। कस्बे में कुछ बिस्तरों पर कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन लोगों ने दो दिन पहले ही मतदाता पर्चियां बांट दी थीं। इस वजह से वोटर बिस्तर पर आने के बजाय सीधे मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। कहीं असुविधा होती है तो वे मतदान अभिकर्ता या मतदान कर्मियों से बात करके समाधान कर लेते हैं।

कैमरा खराब, देर से शुरू हुआ मतदान
बहेड़ी कस्बे के कंपोजिट स्कूल में मतदान की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था लेकिन उसकी सेटिंग ठीक न होने के कारण करीब 15 मिनट मतदान प्रक्रिया रुकी रही। लोगों ने बताया कि सवा सात बजे मतदान शुरू हो सका।

कस्बे में सुस्ती, गांवों में तेजी से पड़े वोट
ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कस्बे के मुकाबले ज्यादा रहा। प्राइमरी स्कूल बहापुर में बने बूथ पर कुल 696 मतदाताओं में से 306 मतदाता 11:30 बजे तक मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे। पिंदारी अशोक गांव के दोनों बूथों पर 1151 मतदाताओं में से 11:50 बजे तक 458 मतदाताओं ने वोट डाले थे। ढकिया बूथ पर 12:30 बजे तक 584 में से 270 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। बहेड़ी के रामलीला धर्मशाला के दोनों बूथों पर 1:30 बजे तक 1633 में से 667 लोगों ने ही वोट डाले थे।

बुजुर्गों ने दिखाया युवाओं जैसा जोश
मतदान के लिए बुजुर्गों में भी युवाओं जैसा ही उत्साह दिखाई दिया। सुबह के वक्त लगभग हर बूथ पर बुजुर्ग महिला-पुरुषों की अच्छी-खासी भीड़ दिखाई दी। कई बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता व्हील चेयर या वाकर का सहारा लेकर परिजनों के साथ मतदान करने पहुंचे थे।

मुस्लिम बहुल इलाकों में लगीं लंबी कतारें
बहेड़ी के अधिकांश बूथों पर बुर्कापोश महिलाओं में मतदान के लिए भरपूर उत्साह दिखाई दिया। मुस्लिम बहुल इलाकों में सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतारें लगी दिखाई दीं। वोट डालकर लौट रहे सरबरी बेगम ने बताया कि उन्होंने धर्म या जाति के बजाय उन्होंने विकास के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

छत्रपाल और अताउर ने भी डाला वोट
देवरनियां। बरेली से भाजपा के प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार ने अपने पैतृक गांव दमखोदा में बूथ संख्या 373 पर मतदान किया। उन्होंने लोगों से मतदान करने की भी अपील की। सपा विधायक अताउर्रहमान ने नगर पंचायत रिछा के प्राइमरी स्कूल में पहुंचकर पत्नी, बेटी और छोटे भाई के साथ मतदान किया।

आखा गांव में दो सौ लोग नहीं कर पाए मतदान
बहेड़ी: गांव आखा में करीब दो सौ लोगों को मतदान किए बिना लौटना पड़ा। दरअसल, शाम छह बजे तक 125 मतदाता मतदान केंद्र में मौजूद थे। करीब दो सौ मतदाता देर से पहुंचे, तब तक मतदान केंद्र का गेट बंद कर दिया गया। इन सभी को मतदान किए बिना लौटना पड़ा। ग्राम प्रधान हीरा सिंह ने बताया कि उनके गांव में 1322 मतदाता हैं। हर बार चुनाव में दो बूथ बनाए जाते थे लेकिन इस बार एक ही बूथ बनाया गया। इस वजह से मतदान में ज्यादा समय लगा और तमाम लोग मतदान से वंचित रह गए। वैसे गांव में 80 से 85 प्रतिशत तक मतदान होता है।

युवाओं ने कहा- रोजगार के लिए किया वोट, महिलाएं बोलीं- महंगाई पर चोट के लिए
बहेड़ी के एक बूथ पर पहली बार वोट डालने आईं दो बहनें मानसी और नैन्सी ने बताया कि उन्होंने जाति या धर्म के बजाय विकास के लिए वोट दिया है। इसमें महिला सुरक्षा का भी मुद्दा शामिल हैं। रामलीला मैदान मतदान केंद्र पर पहली बार मतदान करने आए भाई-बहन अंकित और आरती ने कहा कि वे चाहते हैं कि ऐसी सरकार बने जो युवाओं को रोजगार दे। राजीव पाल ने भी पहली बार वोट डाला। बोले- जिसे वोट दिया है, उम्मीद है कि वह जीतने के बाद विकास करेगा। गृहिणी मधु और उनके साथ की महिलाओं ने बताया कि उन्होंने महंगाई पर चोट करने के लिए वोट दिया है। उम्मीद है जो सरकार बनेगी, वह महंगाई पर नकेल कसेगी।

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