रांची में ‘इंडिया’ गठबंधन की रैली को संबोधित कर सकते हैं राहुल और लालू 

रांची में ‘इंडिया’ गठबंधन की रैली को संबोधित कर सकते हैं राहुल और लालू 

रांची। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए रविवार को रांची में ‘उलगुलान न्याय’ रैली को संबोधित करने की संभावना है। प्रभात तारा मैदान में होने वाली इस रैली में कुल 28 राजनीतिक दल भाग लेंगे। 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के दीपांकर भट्टाचार्य भी इस रैली को संबोधित करेंगे। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आयोजित की जा रही इस रैली में पांच लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है। झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने दावा किया कि इस रैली में केंद्र सरकार के ‘‘तानाशाह’’ रवैये का खुलासा किया जाएगा। 

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह रैली राज्य के आदिवासियों और मूल निवासियों पर केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचारों तथा उन्हें जल, जंगल और जमीन से दूर करने की साजिश का पर्दाफाश करेगी।’’ ‘उलगुलान’ का मतलब क्रांति होता है और यह शब्द आदिवासियों के अधिकारों के लिए ब्रिटिश लोगों के खिलाफ बिरसा मुंडा की लड़ाई के दौरान प्रमुखता से इस्तेमाल किया गया था। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार ‘उलगुलान’ महंगाई, किसानों के साथ अन्याय तथा विपक्ष को ‘‘कुचलने’’ के खिलाफ है। हेमंत सोरेन के हवाले से उनकी पत्नी कल्पना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘झारखंड झुकेगा नहीं।’’ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि ‘‘सभी भ्रष्ट ताकतें’’ रैली में पारिवारिक मिलन समारोह के लिए आ रही हैं। 

विपक्ष के नेता अमन बाउरी ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ‘‘उलगुलान जैसे पवित्र शब्दों’’ का इस्तेमाल कर अपने नेताओं के कृत्यों को छिपा नहीं सकता। उन्होंने कहा, ‘‘बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश लोगों के अन्याय और दमन के खिलाफ ‘उलगुलान’ किया। ‘उलगुलान’ शब्द का इस्तेमाल कर वे झारखंड के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं जो राजनीति करने का उनका पुराना तरीका रहा है।’’ 

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