Bareilly News: फटे और काई वाले एस्ट्रोटर्फ ट्रैक पर अभ्यास कर चोटिल हो रहे खिलाड़ी, अभी तक नहीं हो पाई मरम्मत

Bareilly News: फटे और काई वाले एस्ट्रोटर्फ ट्रैक पर अभ्यास कर चोटिल हो रहे खिलाड़ी, अभी तक नहीं हो पाई मरम्मत

साईसेंटर में एस्टोटर्फ फटने से खिलाड़ी का फंसा पैर 

शिवांग पांडेय, बरेली, अमृत विचार। खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में शुरू किए गए भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में बना एस्ट्रोटर्फ ट्रैक बदहाल है।

खिलाड़ी जगह-जगह से फटे, काई से बनी फिसलन भरे ट्रैक पर अभ्यास के दौरान चोटिल हो रहे हैं। अभी तक ट्रैक की मरम्मत नहीं हो पाई है। कार्यदायी संस्था ने कम बजट मिलने पर ट्रैक की मरम्मत करने से हाथ खींच लिए हैं, वहीं विभाग ने भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।

वर्ष 2010 में साई ट्रेनिंग सेंटर के लिए केंद्र सरकार ने 3.82 करोड़ रुपये के बजट से एस्ट्रोटर्फ ट्रैक का काम शुरू कराया था। करीब एक साल तक चले काम के बाद वर्ष 2012 में इस ट्रैक को मेजर ध्यानचंद स्टेडियम को स्थानांतरित किया गया। वर्तमान में ट्रैक पर 16 खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं। इनमें दो चोटिल हो चुके हैं।

खिलाड़ी रामानंद का शनिवार को सेना में स्पोर्ट्स कोटे की भर्ती के लिए ट्रायल है। पिछले सप्ताह अभ्यास के दौरान ट्रैक पर जमी काई से वह फिसलकर चोटिल हो गए। चिकित्सकों ने उन्हें दो सप्ताह आराम करने की सलाह दी है। फिलहाल, वह ट्रायल देने की स्थिति में नहीं हैं। दो और खिलाड़ियों के साथ भी ऐसा हो चुका है।

मरम्मत का बजट कम, इसलिए शुरू नहीं हो सका काम
साई प्रभारी एवं एथलेटिक कोच जेएस द्विवेदी ने बताया कि शासन को कई बार पत्र भेजने के बाद अक्टूबर में यूपी राज्य निर्माण निगम को एस्ट्रोटर्फ ट्रैक की मरम्मत के लिए करीब चार लाख रुपये का बजट जारी किया था। राज्य निर्माण निगम को 50 बेड के हॉस्टल निर्माण की भी जिम्मेदारी दी गई थी। हॉस्टल का निर्माण पूरा होने के बाद कार्यदायी संस्था ने एस्ट्रोटर्फ ट्रैक मरम्मत के लिए बजट कम बताकर काम की शुरुआत नहीं की। 

कार्यदायी संस्था के अनुसार टेंडर प्रक्रिया की गई, लेकिन कम बजट के चलते कोई टेंडर पास नहीं हुआ। इस संबंध में कार्यदायी संस्था ने मार्च में साई सेंटर को पत्र भेजा था। फिलहाल, साई सेंटर बरेली की ओर से बजट बढ़ाने के लिए शासन से मांग नहीं की गई है। नियमानुसार 10 वर्षों में ट्रैक का बदलाव किया जाता है, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया है।

फटे एस्ट्रोटर्फ पर खेलने में दिक्कत हो रही है। खेलते समय बॉल के उछल जाने से चेहरे पर चोट लगने का डर लगा रहता है। एस्ट्रोटर्फ ट्रैक की मरम्मत होनी चाहिए।-दीपांशु, हॉकी खिलाड़ी

पिछले सप्ताह एस्ट्रोटर्फ पर काई की वजह से पैर फिसल गया था। पंजा मोड़ने से गहरी चोट आई है। शनिवार को प्रतियोगिता का ट्रायल है पर चोट के चलते भाग नहीं ले पाऊंगा। -रामानंद, हॉकी खिलाड़ी

ये भी पढे़ं- Bareilly News: एक तीर से दो शिकार...मौलाना तौकीर रजा का इंडिया गठबंधन को समर्थन, मगर सपा को नहीं