Special Story : 76 वर्ष बीत चुके, लेकिन इस जिले से आज भी दूर है दिल्ली 

गजरौला के लिए रेल लाइन नहीं होने से संभल में थमा विकास का पहिया,  मुरादाबाद से संभल को संचालित हो रही सिर्फ एक डीएमयू

Special Story : 76 वर्ष बीत चुके, लेकिन इस जिले से आज भी दूर है दिल्ली 

संभल,अमृत विचार। देश को आजाद हुए 76 वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन, संभल से आज भी दिल्ली दूर है क्योंकि यहां से गजरौला के लिए रेल लाइन का विस्तार नहीं हो सका है। हालांकि देश की आजादी के बाद से ही रेल लाइन विस्तार की मांग उठ रही है। इस बीच कई सरकारें आईं और गईं, मगर संभल वासियों की मांग पूरी नहीं हुई। जनप्रतिनिधि भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। अब मुरादाबाद से संभल के लिए सिर्फ एक डीएमयू ट्रेन का संचालन हो रहा है, जिस कारण संभल में विकास का पहिया थम गया है। चुनावी माहौल में नेता आश्वासनों के पिटारे खोल रहे हैं तो संभल वाले उम्मीद लगाये बैठे हैं कि कोई नेता उनके इस मुद्दे पर भी पक्का आश्वासन दे।

मुगलकाल में ऐतिहासिक नगरी संभल पृथ्वीराज चौहान की राजधानी रहा है। यहां 68 तीर्थ और 19 कूप हैं तो कलियुग में श्री कल्कि भगवान का अवतार भी प्रस्तावित है। संभल को एशिया की सबसे बड़ी मैंथा मंडी कहा जाता है तो आलू व्यापार और हैंडीक्राफ्ट उद्योग से भी इसका बड़ा नाम है। बावजूद इसके संभल से दिल्ली जाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। वैसे संभल को रेल लाइन के जरिये गजरौला तक जोड़ने की मांग वर्षों से उठ रही है लेकिन यह आज तक अधूरी ही है। विभिन्न संगठनों की ओर से संभलवासियों की आवाज को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का काम भी किया गया है मगर कुछ नहीं हो सका है। 

रेल कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण संभल विकास के क्षेत्र में पिछड़ रहा है क्योंकि माल को दिल्ली के बाद देश और विदेशों तक पहुंचाने के लिए संसाधन नहीं हैं। बात रेल संसाधन की करें तो वर्तमान में तीन डिब्बों की सिर्फ एक डीएमयू ट्रेन संभल से मुरादाबाद के बीच चलती है, जो दिन में दो बार हातिम सराय रेलवे स्टेशन पर आती है। चूंकि मुरादाबाद तक ट्रेन पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लगता है, इसलिए लोग सफर करने से बचते हैं। दोनों बार में करीब 100 यात्री ही सफर कर रहे हैं। ज्यादातर लोग अनुबंधित रोडवेज बसों का ही सहारा लेते हैं। हालांकि देर रात 10 बजे के बाद अनुबंधित रोडवेज बसों का संचालन भी बंद हो जाता है। बहरहाल, अगर संभल से गजरौला तक रेल लाइन का विस्तार होगा तो न सिर्फ लोगों को दिल्ली तक पहुंचने में आसानी होगी बल्कि व्यापारी भी रेल के जरिये माल को यहां से कहीं और पहुंचा सकेंगे तो व्यापार भी तरक्की के रास्ते पर बढ़ेगा।

यह है ट्रेन के आने का समय
मुरादाबाद से डीएमयू ट्रेन दिन में दो बार संभल हातिम सराय रेलवे स्टेशन आती है। सुबह 10 बजे ट्रेन आती है और यहां से 10.25 बजे चली जाती है। वहीं शाम को 5.55 बजे ट्रेन का आगमन होता है। रेलवे स्टेशन से मुरादाबाद के लिए ट्रेन 6.25 बजे रवाना होती है। बेशक करीब तीन महीने पहले मुरादाबाद का किराया 30 रुपये से घटाकर 15 रुपये कर दिया गया, फिर भी ट्रेन में सफर करने से यात्री बच रहे हैं।


डीएमयू ट्रेन दिन में दो बार स्टेशन आकर मुरादाबाद के लिए रवाना होती है। मुरादाबाद का किराया 15 रुपये और मछरिया तक का किराया 10 रुपये है। वर्तमान में दोनों समय पर ट्रेन में करीब 100 यात्री सफर कर रहे हैं। -सत्यांशु सिंह, स्टेशन मास्टर, हातिम सराय 

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