अयोध्या: पांच दिनों से 38 और 40 डिग्री के बीच है तापमान, आग बरसा रहा सूरज

40 फीसदी से अधिक बढ़ी बिजली की खपत, अगले पांच दिनों में 42 डिग्री तक पहुंचने की आशंका

अयोध्या: पांच दिनों से 38 और 40 डिग्री के बीच है तापमान, आग बरसा रहा सूरज

अयोध्या, अमृत विचार। बला की तपिश और लू ने कहर ढा रखा है। गर्म हवा के थपड़े और आग उगलते सूरज के बीच जनजीवन बुरी तरह से बेहाल है। बीते पांच दिनों से जहां अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस चल रहा है वहीं बिजली की खपत भी 40 फीसदी बढ़ गई है। इतना ही नहीं तीस रुपये केन मिलने वाला आरओ पानी अब 35 रुपए हो गया है।
   
गुरुवार की तरह शुक्रवार भी बेहद तपिश भरा रहा। सुबह नौ बजे ही तीखी धूप ने लोगों को बेहाल कर दिया। घर से आफिस और जरुरी काम के लिए निकले लोगों को तपिश के थपेड़ों ने आह आह करने पर मजबूर कर दिया। गत पांच दिनों के तापमान पर गौर करें तो 21 अप्रैल से अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही नहीं गया। 21 अप्रैल को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता 81 प्रतिशत रही। वहीं 22 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40.5 रेकार्ड किया गया तो अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता 78 प्रतिशत रही। 23 अप्रैल को अधिकतम तापमान 39.0 रहा और अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता 80 प्रतिशत। 24 अप्रैल को भी अधिकतम तापमान 40.0 रहा जबकि आर्द्रता अधिकतम 79 प्रतिशत। 25 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40.5 दर्ज किया गया। जबकि सापेक्षिक आर्द्रता 79 प्रतिशत रही। बताया जाता है कि अभी आगे एक सप्ताह में जिले का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। जिसके चलते और प्रचंड गर्मी पड़ने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक अमरनाथ मिश्रा का कहना है कि औसत तापमान सामान्य से और अधिक होगा। अनुमान है कि पांच मई तक अधिकतम तापमान हर दिन एक डिग्री सेल्सियस बढ़े।

210 से बढ़ते - बढ़ते 310  मेगावाट पहुंच रही बिजली खपत 
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के पारेषण विभाग की माने तो बिजली खपत तेजी से बढ़ रही है। जनवरी में जहां 192 मेगावॉट थी वहीं 21 जनवरी को 210 मेगावाट हो गई। फरवरी में 220 पहुंची तो मार्च में 240 तक रेकार्ड की गई। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में करीब 280 मेगावाट होकर अंतिम सप्ताह तक 310 मेगावाट पहुंच रही है। अधिशासी अभियंता प्रथम प्रदीप कुमार वर्मा के अनुसार बिजली खपत को देखते हुए लोगों से कम उपयोग की अपील की जा रही है।

वर्जन - 
तेजी से बढ़ती गर्मी के पीछे क्लामेट चेंज सबसे बढ़ी वजह है। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष ही नहीं आगामी वर्षों में भी मार्च और अप्रैल में अधिक गर्मी रहेगी। पर्यावरण संरक्षण के अभाव में प्राकृतिक असंतुलन एक बड़ा खतरा है। -प्रो जसवंत सिंह, पर्यावरण वैज्ञानिक, डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्विद्यालय

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