बरेली: एससी एसटी एक्ट...मुआवजे के इंतजार ने बढ़ाया दर्द, गहरे हुए घाव

बरेली: एससी एसटी एक्ट...मुआवजे के इंतजार ने बढ़ाया दर्द, गहरे हुए घाव

अनुपम सिंह, बरेली। एससी-एसटी एक्ट के मामलों में केस दर्ज होने के बाद पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए मुआवजे की धनराशि दी जाती है, लेकिन जिले में काफी संख्या में पीड़ितों को बजट के अभाव में मुआवजा नहीं मिल सका है। तमाम पीड़ित खुद या फिर उनके अपने समाज कल्याण विभाग के कार्यालय के चक्कर काटने काे मजबूर हैं। उन्हें आश्वासन देकर लौटाया जा रहा है।

अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम में पीड़ितों को शासन से मुआवजे की राशि देने का प्रावधान है। इसके लिए सरकार समाज कल्याण विभाग के जरिए मुआवजा की धनराशि पीड़ितों के खातों में भेजती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिले के 1140 पीड़ितों को 8.50 करोड़ की धनराशि उनके खाते में भेजी गई। 

इसमें हत्या, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, छेड़खानी, जातिसूचक गाली-गलौज, मारपीट के मामलों में पीड़ित या उनके परिवार को मुआवजे की धनराशि मिली। हालांकि, इसके बाद भी 50 से 60 ऐसे पीड़ित थे, जिन्हें मुआवजे की धनराशि नहीं मिल पाई। विभागीय अफसरों के अनुसार इसकी वजह बजट का अभाव बताया जा रहा है। अब चालू वित्तीय वर्ष में बजट आने के बाद इन पीड़ितों को मुआवजे की धनराशि दी जाएगी। अभी कुछ दिन और इन पीड़ितों को मुआवजे के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

महीनों की दौड़ के बाद मिल सकी मुआवजे की धनराशि
बहेड़ी के एक गांव में 14 जून 2023 को अनुसूचित जाति की युवती के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। मामले में केस दर्जकर पुलिस ने कार्रवाई की। एससी एसटी के तहत मिलने वाले मुआवजे की धनराशि का मेसेज पीड़िता के पिता के पास पहुंचा। लड़की के पिता के मुताबिक बैंक से पैसा निकालने के लिए जाने पर बताया गया कि समाज कल्याण विभाग से इस पर आपत्ति लगी हुई है। 

इसकी जानकारी करने के लिए उन्हें विभाग के कार्यालय में 10 -12 बार आना पड़ा। 3.75 लाख मुआवजा पाने के लिए वह 16 मई को फिर दफ्तर शादी के कार्ड के साथ पहुंचे। काफी देर इंतजार के बाद समाज कल्याण अधिकारी से मुलाकात हुई, तब जाकर मुआवजे की धनराशि उन्हें मिल पाई।

एससी-एसटी एक्ट के मामलों में पीड़िताें को पीएफएमएस के माध्यम से मुआवजे की धनराशि उनके खाते में भेजी जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में बजट के अभाव में 50 से 60 पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिल पाया था। बजट आते ही धनराशि खाते में पहुंच जाएगी- मीनाक्षी वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी

किस मामले में कितना मिलता है मुआवजा
दलित परिवार के कमाऊ व्यक्ति की हत्या पर आश्रित परिवार को 8.25 लाख का मुआवजा मिलता है। गैर कमाऊ और नाबालिग की हत्या पर 4.12 लाख की धनराशि मुआवजे के तौर पर दी जाती है। दुष्कर्म के मामले में 3.75 लाख, सामूहिक दुष्कर्म के केस में पीड़िता को 4 लाख की धनराशि दी जाती है।

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