रामनगर: डाक्टर के बगैर नर्सों ने कराया प्रसव, नवजात की मौत

रामनगर: डाक्टर के बगैर नर्सों ने कराया प्रसव, नवजात की मौत

रामनगर, अमृत विचार। पीपीपी मोड के संयुक्त चिकित्सालय में शनिवार सुबह  चिकित्सक की अनुपस्थिति में स्टाफ नर्सों से प्रसव कराने  का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि लापरवाही से प्रसव के बाद नवजात की तबीयत बिगड़ती चली गई और तीन घंटे बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। मामला संज्ञान में आने पर अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा है। 

घटना के पीड़ित हिम्मतपुर डोटियाल निवासी दिलीप सिंह नेगी ने बताया कि वह गर्भवती पत्नी काजोल को प्रसव पीड़ा होने पर वह शनिवार सुबह पांच बजे संयुक्त चिकित्सालय ले गए। दिलीप के अनुसार, उन्होंने अस्पताल स्टाफ को साफ कर दिया था कि उनकी पत्नी अभी 7 माह 14 दिन के गर्भ से है।

उस समय प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पताल में नहीं थी। दिलीप के बार-बार यह बताने पर भी, कि अभी प्रसव में डेढ़ माह बाकी हैं। आरोप है कि सारी बात स्टाफ को बताने के बाद भी महिला डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंची। अस्पताल की स्टाफ नर्सों ने सुबह 6.16 बजे काजोल का प्रसव कराया।  पीड़ित का कहना है कि अनुरोध करने पर सुबह 7:15 बजे उसे नवजात दिखाया गया।

उस समय बच्चे का शरीर नीला पड़ते देख उसने नर्सों को बताया। इसके करीब आधे घंटे बाद पहुंची डॉक्टर ने दिलीप को भरोसा दिलाया कि बच्चा स्वस्थ है और 3-4 घंटे में सामान्य हो जाएगा। सुबह आठ बजे बाद शिफ्ट बदली तो नए स्टॉफ ने बच्चे की हालत सीरियस बताते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया।

दिलीप तत्काल जच्चा-बच्चा को लेकर काशीपुर कृष्णा हॉस्पिटल ले गए, जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। दिलीप ने अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चंद्रा पंत को सारी जानकारी देते हुए बगैर डॉक्टर की गैरमौजूदगी में लापरवाही से प्रसव करने और बाद में बच्चे की स्थिति को लेकर गुमराह करने की शिकायत की है। इस दौरान पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी भी मौजूद थे। दिलीप ने इस मामले की शिकायत सीएम पोर्टल पर भी भेज दी है। 

उधर अस्पताल की सीएमएस डॉ. चंद्रा पंत  ने कहा कि समय पूर्व प्रसव डॉक्टर की मौजूदगी में ही होनी चाहिए। इस मामले में अस्पताल संचालन करने वाली कंपनी से जवाब मांगा गया है। जिस स्तर पर लापरवाही मिलेगी उस पर कार्रवाई की जाएगी।