बरेली: अपनी ही खुशियां ही सबकुछ, दो बेटियों को यही सबक देकर कभी न लौटने के लिए चली गई मां
10 दिन से भूखी-प्यासी बच्चियों को मकान मालकिन ने पुलिस को सौंपा
बरेली, अमृत विचार। नौ और सात साल की दो बहनों को अगर कभी अपनी मां की कोई सीख याद रहेगी तो शायद यही कि जीवन में अपनी ही खुशियां सबकुछ होती हैं। मां ने उनके साथ किया भी यही, पति की मौत के महीने भर के ही अंदर वह उन्हें किराए के घर में अकेला छोड़कर न जाने कहां चली गईं। दोनों बच्चियां दस दिन भूखी-प्यासी रहकर मां के लौटने का इंतजार करती रहीं लेकिन वह नहीं लौटी। आखिर बुजुर्ग मकान मालकिन ने उन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया जो बाल कल्याण समिति के आदेश पर उन्हें रामपुर के राजकीय बाल शिशु गृह छोड़ आई।
घटना सुभाषनगर के शांति विहार इलाके की है। मां के होते हुए बतौर लावारिस बाल कल्याण समिति के सामने पेश हुई दोनों बच्चियों के मुताबिक उनका परिवार किराए के मकान में रहता था। पिता जीवित रहने तक छोटा-मोटा धंधा करते थे लेकिन करीब एक महीने पहले अचानक बीमार होने के बाद उनकी मौत हो गई। इसके बाद मां ने कुछ घरों में कामकाज करके अपना घर चलाना शुरू कर दिया लेकिन 10 दिन पहले वह अचानक काम पर जाने की बात कहकर घर से निकली तो फिर नहीं लौटी। घर में कुछ खाने को भी नहीं था। कई दिन वे लोग भूखी रहीं। करीब 76 वर्षीय मकान मालकिन ने तरस खाकर कुछ दिया तो खा लिया।
सिर्फ इतना पता है, चाचा के साथ चली गई मम्मी
पुलिस के मुताबिक बच्चियों ने पूछताछ में बताया कि उनकी मां चाचा के साथ गई है। चाचा कौन है और कहां रहता है, यह नहीं बता पाईं। यह भी पता चला कि महिला पति की मौत से पहले तक कहीं और रहती थी। शांति विहार में उसने बच्चियों को छोड़कर जाने से सिर्फ एक दिन पहले ही दूसरा किराए का घर लिया था। मकान मालकिन ने पुलिस को बताया कि उन्हें बच्चियों पर तरस आ रहा है लेकिन वृद्ध होने के कारण वह उनकी देखभाल नहीं कर सकतीं।
नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को पेश न करने पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ने जताई आपत्ति
बहेड़ी में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन पीड़िता को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किए बगैर ही उसे जेल भेज दिया। समिति के अध्यक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिनेश चंद्रा ने बताया कि पॉक्सो या किशोरों और बच्चों से संबंधित किसी भी आपराधिक मामले में विवेचक की ओर से कानूनी प्रावधानों के तहत पीड़ित को समिति के समक्ष पीड़ित को पेश करना चाहिए लेकिन बहेड़ी के सीओ ने अनुसूचित जाति की किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म एक ताजा मामले में इसका उल्लंघन कर दिया। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी तो कर ली लेकिन पीड़िता को समिति के समक्ष पेश नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि सीओ बहेड़ी पहले भी ऐसा कर चुके हैं।
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