गोंडा : गांव के मनरेगा श्रमिकों को ठेंगा! ठेके के श्रमिकों से कराया जा तालाब सफाई का काम

हलधरमऊ ब्लाक के ग्राम पंचायत सोनहरा के श्रमिकों ने जताया आक्रोश 

गोंडा : गांव के मनरेगा श्रमिकों को ठेंगा! ठेके के श्रमिकों से कराया जा तालाब सफाई का काम

बालपुर गोण्डा, अमृत विचार: हलधरमऊ ब्लाक के ग्राम पंचायत सोनहरा में मनरेगा योजना में खेल हो रहा है। गांव में तालाब सफाई का काम ठेके के मजदूरों से कराया जा रहा है जबकि गांव के मनरेगा जॉब कार्ड धारक रोजगार के लिए तरस रहे हैं। आरोप है कि पहले कराए गए काम की मजदूरी भी नहीं मिली। नाराज श्रमिकों ने आक्रोश जताते हुए इसकी जांच कराए जाने की मांग की है‌। 

गांव में रहने वाले परिवारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) संचालित है‌। योजना का उद्देश्य गांव के ऐसे परिवारों को रोजगार मुहैया कराना है जो अपना घर बार छोड़कर दूसरे शहरों में मजदूरी करने जाते हैं लेकिन हलधरमऊ ब्लाक के ग्राम पंचायत सोनहरा में इस योजना का लाभ गांव के श्रमिकों को नहीं मिल रहा है‌। यहां मनरेगा योजना से होने वाले कार्यों को ठेके के श्रमिकों से कराया जा रहा है। गांव के तालाब की सफाई के काम में बाहर को श्रमिक लगाए गए हैं जो ठेके पर काम कर रहे हैं। जबकि गांव के श्रमिक काम के अभाव में घर बैठे हैं। गांव के रहने वाले राम परसन का कहना है उन्होने मनरेगा योजमा का जॉब कार्ड बनवाया था‌। उम्मीद थी कि उन्हे गांव में ही रोजगार मिलेगा लेकिन पिछले दो सालों से काम नहीं मिला है‌ काम के अभाव में वह बेकार बैठे हैं। अब काम शुरू भी हुआ तो वह भी ठेके पर कराया जा रहा है। 

राम बाबू का कहना है कि पिछली बार जो काम किया था उसका पैसा अभी तक नही मिला है। बाल गोविंद का कहना है कि रोजगार न मिलने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। इनके अलावा दर्जनों ऐसे श्रमिक हैं जो काम की तलाश में है लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा। इस संबंध में जब प्रधान प्रतिनिधि प्रमोद पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव के लोग काम नहीं करना चाहते। इसलिए उन्हे बाहर के श्रमिकों से काम कराना पड़ रहा है‌।  

ठेके पर काम कराए जाने की होगी जांच 

इस संबंध में प्रभारी खंड विकास अधिकारी विजय बहादुर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना में कराए जाने वाले कार्य उसी ग्राम पंचायत के श्रमिकों से कराया जाना चाहिए‌। गांव में श्रमिक नहीं हैं तो न्याय पंचायत से श्रमिक लिए जा सकते हैं। ठेके पर कार्य कराया जाना गंभीर है। इसकी जांच करायी जायेगी।

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