हल्द्वानी: पहाड़ में सात तो मैदान में सामान्य से पांच डिग्री ऊपर पारा

उष्ण लहर ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़े, दिन के समय प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल

हल्द्वानी: पहाड़ में सात तो मैदान में सामान्य से पांच डिग्री ऊपर पारा

हल्द्वानी, अमृत विचार। इन दिनों पड़ रही असामान्य गर्मी से लोग परेशान हैं। मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस ज्यादा चल रहा है। वहीं पहाड़ में तापमान सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस ज्यादा चल रहा है। गर्मी का कहर मैदान से लेकर पहाड़ तक है। रविवार को राज्य के छह जनपदों में उष्ण लहर चली है। इनमें तीन मैदानी तथा बाकी पर्वतीय जिले हैं।

हल्द्वानी में प्रचंड गर्मी रही। सुबह से ही सूरज चढ़ रहा है। पूर्वान्ह में लू के थपेड़े चल रहे हैं। दोपहर के समय घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। रविवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान की बात करें तो पहाड़ों में सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान चल रहा है। इस वजह से मुक्तेश्वर जैसी जगह पर भी दिन के समय गर्मी महसूस हो रही है। वहीं मैदानी इलाकों में पारा सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। यह स्थिति पिछले नौ दिनों से बनी हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार अलनीनो का असर और उष्ण लहर की वजह से यह स्थिति बनी है। रविवार को सभी मैदानी जिलों के अलावा पहाड़ में भी उष्ण लहर का असर रहा। आमतौर पर उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में गर्मियों के मौसम में पांच से सात दिन तक उष्ण लहर चलती थी, इस बार 20 से ज्यादा बार उष्ण लहर चल चुकी है। पहाड़ों में भी बारिश का सिलसिला कम हो गया है। पिछले 24 घंटे में मुनस्यारी में ही केवल दो मिमी बारिश हुई है।

मंगलवार से बदल सकता है मौसम
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि रविवार की देर रात या मंगलवार से मौसम बदल सकता है। राज्य के कई जिलों में मंगलवार को बारिश होने का अनुमान है। अगर बारिश होती है तो लोगों को उष्ण लहर से राहत मिलेगी। अगर बारिश का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा तो इसे प्री-मानसून घोषित किया जा सकता है। मानसून की बात करें तो इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तराखंड में एक सप्ताह देरी से 28 जून तक पहुंचेगा।

जून माह में कम हुई बारिश
सामान्य तौर पर जून माह के पहले सप्ताह के बाद बारिश का सिलसिला शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। जून माह में अभी तक अल्मोड़ा जिले में सामान्य से 74 प्रतिशत, बागेश्वर जिले में 54 प्रतिशत, चम्पावत जिले में 92 प्रतिशत, पिथौरागढ़ जिले में सामान्य से 67 प्रतिशत, नैनीताल जिले में 97 प्रतिशत और ऊधमसिंह नगर जिले में 99 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसका कारण गर्मी और उष्ण लहर को माना जा रहा है।

मंगलवार से मौसम बदल सकता है। मैदानी और पहाड़ी इलाकों में बारिश होने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है तो उष्ण लहर से काफी राहत मिलेगी।
-डॉ. आरके सिंह, मौसम वैज्ञानिक, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर

वनाग्नि से पांच वर्ष में 94 प्रतिशत बढ़ा ब्लैक कार्बन
हिमालयी वैज्ञानिकों ने किया शोध, पहाड़ के पर्यावरण के लिए खतरा
वनाग्नि की वजह से पहाड़ों में पांच वर्ष के अंदर ब्लैक कार्बन का उत्सर्जन 94 प्रतिशत तक बढ़ गया है। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले अन्य कारक पीएम-10, पीएम 2.5 और एनओ-टू आदि में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

जीबी पंत हिमालय पर्यावरण विकास संस्थान के हिमालयी वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने बताया कि वनाग्नि हिमालय के पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा बन रही है। कोसी-कटारमल अल्मोड़ा क्षेत्र में पांच साल तक शोध किया गया। हालिया रिपोर्ट प्रकाशित हुई तो कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए।

वर्ष 2019 से 2024 तक वनाग्नि से ब्लैक कार्बन का उत्सर्जन 94 प्रतिशत बढ़ गया था, जो सामान्य दिनों में 1472 एनजीएम था। वह वनाग्नि के दौरान बढ़कर 2851 एनजीएम हो गया है। इसके अलावा वायु प्रदूषण के अन्य कारकों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है। हिमालयी वैज्ञानिकों के अनुसार अगर इसे नहीं रोका गया तो हिमालय की सेहत खतरे में पड़ सकती है।

वर्ष 2019 से 2024 तक कोसी कटारमल में वनाग्नि और सामान्य दिनों में वायु प्रदूषण
तत्व                                                     सामान्य दिन     वनाग्निन में      बढ़ोत्तरी
ब्लैक कार्बन(एनजीएम)                                1472          2851             94 %
पीएम 10(यूजीएम)                                       38.9          99.7              157%
पीएम 2.5(यूजीएम)                                      37.7          46.2                 23%
एनओ टूयूजीएम ()                                       11.2          16.2                48%