नैनीताल: सरकारी भूमि पर नेपाल मूल के लोगों के कब्जे पर सरकार से मांगा जवाब
विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने नैनीताल के आसपास सरकारी जमीन पर नेपाल के मूल निवासियों के अवैध कब्जे व गलत ढंग से दस्तावेज बनाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस प्रकरण में स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
नैनीताल निवासी पवन जाटव ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि नैनीताल शहर व खुर्पाताल ग्राम सभा के तोक खाड़ी स्थित बजून चौराहे के पास नेपाल मूल के लगभग 25 परिवारों ने सरकारी व नजूल भूमि पर कब्जा कर आवासीय निर्माण किए हैं। इन्होंने नागरिकता हासिल करने के लिए प्रार्थना पत्र नहीं लगाया और किसी अन्य ढंग से भी भारत की नागरिकता हासिल नहीं की।
वे अवैध तरीके से यहां के दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, स्वास्थ्य सेवाएं कार्ड बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। इसी के साथ ही वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करा कर पानी-बिजली के कनेक्शन भी अवैध ढंग से हासिल किए हैं। इस संबंध में जिला प्रशासन से कई दफा शिकायत की गई, लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। जिन अधिकारियों ने उन्हें ये प्रमाण पत्र जारी किए उनके खिलाफ भी विभागीय व दंडात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए जाएं।