हल्द्वानी: पशुधन एप में आई खराबी, ठीक करने में लग गया एक माह

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रजनी मेहता, हल्द्वानी, अमृत विचार। पशुपालन विभाग के पशुधन एप में आई गड़बड़ी से पशुगणना के कार्य को प्रभावित कर दिया है। पांच साल में होने वाली इस प्रकिया को अक्तूबर माह से शुरू होकर फरवरी में पूरा होना था लेकिन एप में आई खराबी के कारण इसे अब नवंबर से शुरू किया जा रहा है। विभाग के अनुसार फरवरी तक कार्य पूरा करने के लिए एप के सर्वर को रीटेस्ट कराया जा रहा है। इसके बाद जल्द ही गणना के कार्य को पूरा कराया जाएगा। 

राज्य में हर पांच वर्ष में पशु गणना की जाती है। इसके तहत राज्य में पशुओं की संख्या का निर्धारण किया जाता है। साल 2019 के बाद पशुपालन विभाग की ओर से इस साल फिर से पशुगणना होनी है। पशुधन एप के माध्यम से पशुओं के डिजिटल पंजीकरण से लेकर पशुपालकों को नई योजनाओं से जोड़ने का कार्य भी किया जाता है।

वहीं पशुपालकों को भी इससे पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है। विभाग के अनुसार एप में अक्तूबर माह में गणना कार्य शुरू करने से पहले ही खराबी आ गई जबकि इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य फरवरी माह है। ऐसे में एप में गांवों की जानकारी मिसमेच होने के अलावा कई दूसरे गांवों की जानकारी एक साथ मर्ज होने से गणना का कार्य शुरू हो पाया है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार एप को ठीक करने के लिए अक्तूबर माह से ही प्रयास किए जा रहे हैं। काफी हद तक एप की गणना संबंधी जानकारियों को ठीक कर दिया गया है। सर्वर स्तर से एप ठीक होने के बाद गणना कार्य अब नवंबर माह से शुरू होने की उम्मीद है। विभाग की तरफ से इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 

एप की खराबी से डिजिटल पहचान भी गड़बड़ाई
पशुधन एप पर पशुपालकों के पशुओं के डिजिटल पंजीकरण और उसके मालिक की पहचान समेत क़ई सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। एप में गड़बड़ी आने से पशुओं की डिजिटल पहचान भी गड़ाबड़ा गई इसे विभाग की ओर से ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। 

तीन स्तर पर होती है गणना
पशुगणना के लिए विभाग की ओर से तीन स्तरों पर गणना की जाती है। इसमें सबसे पहले पशुधन एप में प्रगणक फील्ड में जाकर विभिन्न परिवारों के पशुओं की गणना करते हैं और रिपोर्ट सुपरवाइजर को सौंपते हैं। इसके बाद निदेशालय स्तर पर गणना को चैक किया जाता है। 

2019 में हुई गणना के बाद अब 2024 में अक्तूबर से कार्य शुरू होना था लेकिन पशुधन एप में आई खराबी के बाद इसे ठीक करने में समय लग गया। अब नवंबर से पशुगणना का कार्य शुरू किया जाएगा।

- डॉ. उदय शंकर, अपर निदेशक कुमाऊं पशुपालन विभाग।  

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