तमन्ना को लेकर कर्नाटक में मचा बवाल, Mysore Sandal Soap का ब्रांड एंबेसडर बनाने पर भड़के कन्नड़ कार्यकर्ता
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बेंगलुरु। बॉलीवुड एवं दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को मैसूर सैंडल सोप का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करने को लेकर कर्नाटक सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को दो साल के लिए मैसूर सैंडल सोप का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। गुरुवार को कर्नाटक सरकार की तरफ से एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी गई है।
ऑनलाइन पब्लिश नोटिफिकेशन में कहा गया है कि तमन्ना दो साल तक सोप की ब्रांड एंबेसडर रहेंगी और इसके लिए उन्हें 6.20 करोड़ रुपए की रकम भुगतान किया जाएगा। मुंबई अभिनेत्री तमन्ना ने कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट्स लिमिटेड (केएसडीएल) के साथ दो वर्षों के लिए उसके प्रतिष्ठित उत्पाद का प्रचार करने के लिए करार किया है।
कर्नाटक सरकार के इस फैसले की हालांकि कड़ी आलोचना हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि ब्रांड एंबेसडर के लिए किसी कन्नड़ एक्टर या एक्ट्रेस को क्यों नहीं लिया गया? कन्नड़ कार्यकर्ताओं ने इसे स्थानीय गौरव का अपमान बताया है और कहा कि दीपिका पादुकोण जैसी कर्नाटक की मूल की स्टार को इसके लिए क्यों नजरअंदाज किया गया।
कर्नाटक रक्षण वेदिके के अध्यक्ष T नारायण गौड़ा ने कहा कि अगर नियुक्ति रद्द नहीं की गई तो राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह निराशाजनक निर्णय है कि सरकार को कर्नाटक की विरासत के प्रतीक के रूप में प्रतिनिधित्व करने के लिए एक भी कन्नड़ व्यक्ति नहीं मिला। इसके लिए दीपिका पादुकोण या कोई अन्य स्थानीय स्टार क्यों नहीं?”
फिल्म निर्माता कविता लंकेश ने भी सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा, “यह बॉलीवुड और निष्पक्षता के प्रति हमारे निरंतर जुनून को दर्शाता है। कर्नाटक में खूबसूरत, प्रतिभाशाली सितारे हैं, अगर इसका मतलब हमारे सांस्कृतिक प्रतीकों को संरक्षित करना है तो कई लोग मुफ्त में ब्रांड का समर्थन करेंगे।”
इसके जवाब में केएसडीएल के प्रबंध निदेशक डॉ. प्रशांत पीकेएम ने कहा कि राज्य से बाहर ब्रांड की दृश्यता बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, “हमारे 1,800 करोड़ रुपये के राजस्व का सिर्फ़ 12 प्रतिशत कर्नाटक से आता है। राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने के लिए हमें व्यापक अपील वाले किसी व्यक्ति की ज़रूरत थी और तमन्ना उस प्रोफ़ाइल में फिट बैठती हैं।” मंत्री एमबी पाटिल और एचके पाटिल ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ब्रांड की पहुंच को पूरे देश में पहुंचाना है।
ऐसा करने से राज्य के जड़ें मजबूत होंगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1916 में लॉन्च किया गया मैसूर सैंडल सोप कर्नाटक की सबसे स्थायी विरासतों में से एक है। वित्त वर्ष 2023-24 में, केएसडीएल ने 1,570 करोड़ रुपये का राजस्व और 362 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया था, तथा राज्य सरकार को रिकॉर्ड 108.62 करोड़ रुपये का लाभांश वितरित किया। इस विवाद ने राज्य समर्थित पहलों में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के बारे में लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को पुनर्जीवित कर दिया है, सांस्कृतिक नेताओं का तर्क है कि कर्नाटक के प्रतीकों का प्रतिनिधित्व उसके अपने लोगों द्वारा किया जाना चाहिए।
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