Shani Jayanti 2025: शनि जयंती आज, पूजन से साढ़े साती से मिलेगा छुटकारा

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचारः ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस बार जयंती 27 मई मंगलवार को है। मान्यता है कि जयंती के दिन पूजा अर्चना से शनिदेव विशेष कृपा करते हैं। इस दिन दान दक्षिणा का विशेष महत्व होता है। इनका कार्य मनुष्यों को उनके कार्य के अनुसार फल देना, अच्छे कार्य का अच्छा फल और बुरे कार्य का बुरा फल देना है।

ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि अमावस्या मंगलवार सुबह 8: 31 बजे तक रहेगी। शनि जयंती पर कृतिका और रोहिणी नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग बन रहा है। जयंती पर शनिदेव की पूजा करने से साढ़े साती और शनि की पीड़ा से छुटकारा मिलता है। व्रत रखकर सायंकाल में पूजन और दान और मंत्र के जाप से शनि प्रसन्न होते हैं। वर्तमान में शनि की साढ़े साती कुंभ, मीन और मेष राशि पर चल रही है। 

सिंह और धनु पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है या जिन व्यक्तियों की कुडंली में शनि अशुभ स्थिति में हो या पीड़ित हो, तो उन्हें शनि को प्रसन्न करने के लिए पीपल की पूजा कर सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए। दीन-दुःखियों, गरीबों और मजदूरों की सेवा और सहायता, काली गाय, काला कुत्ता, कौवे की सेवा करने से, सरसों का तेल, कच्चा कोयला, लोहे के बर्तन, काला वस्त्र, काला छाता, काले तिल, काली उड़द आदि के दान करने से शनि शुभफल देते हैं। भगवान शिव और हनुमान जी की उपासना से भी शनि कष्ट नहीं देते है।

जेठ का तीसरा बड़ा मंगल आज है। इस दिन भगवान राम और हनुमान जी के दर्शन पूजन करने और हनुमान चालीसा, सुन्दर कांड का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और मंगल और शनि ग्रह दोष दूर होते है।

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