मेरठः भाजपा नेत्रा सरोजिनी अग्रवाल के मेडिकल कॉलेज पर CBI का छापा, MBBS सीटों में गड़बड़ी का आरोप
मेरठ, अमृत विचारः भाजपा की प्रमुख नेत्री और पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कड़ा कदम उठाया है। सीबीआई की एक टीम ने उनके खरखौदा क्षेत्र में स्थित एनसीआर मेडिकल कॉलेज और बेगमबाग में उनके निजी आवास पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों के आवंटन में कथित अनियमितताओं की शिकायत के आधार पर की गई है।
सीबीआई ने कॉलेज और आवास पर एक साथ छापा मारकर दस्तावेजों की गहन जांच की। इस दौरान डॉ. सरोजिनी, उनके सहयोगी चिकित्सकों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। एक दिन पहले, सोमवार को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की एक टीम ने भी कॉलेज का दौरा किया था और कई घंटों तक रिकॉर्ड की जांच की थी। इसके तुरंत बाद सीबीआई की कार्रवाई ने क्षेत्र में हलचल मचा दी।
राजनीतिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि
डॉ. सरोजिनी अग्रवाल मेरठ के एक प्रभावशाली परिवार से हैं और 1995 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद से राजनीति में सक्रिय हैं। वे समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार में दो बार एमएलसी रहीं और मुलायम सिंह यादव व आजम खान जैसे नेताओं की करीबी मानी जाती थीं। 2017 में उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा जॉइन की और 2018 में फिर से एमएलसी चुनी गईं।
उनका परिवार शिक्षा क्षेत्र में भी गहरा प्रभाव रखता है। उनके पति डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल मेरठ कॉलेज की प्रबंध समिति के अध्यक्ष हैं। परिवार मेरठ और नोएडा में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और स्कूलों का संचालन करता है। पहले एनसीआर मेडिकल कॉलेज का नाम ‘मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज’ था, जिसे भाजपा में शामिल होने के बाद बदला गया।
पहले भी विवादों में रहा परिवार
यह पहली बार नहीं है जब अग्रवाल परिवार विवादों में घिरा हो। 2016 में सरोजिनी अग्रवाल, उनके पति डॉ. ओमप्रकाश, बेटी डॉ. नीमा और कुछ सहयोगियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगा था। समाजवादी आवास योजना के तहत फ्लैट दिलाने के नाम पर हाजी इरफान अंसारी से 9.62 लाख रुपये की ठगी का मामला दर्ज हुआ था। इरफान ने लिसाड़ी गेट थाने में शिकायत की थी कि पैसे लेने के बावजूद तीन साल तक फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया।
छापेमारी के दौरान तनाव, मीडिया से चुप्पी
छापेमारी की खबर फैलते ही मीडिया ने डॉ. सरोजिनी और उनके परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। डॉ. सरोजिनी, उनकी बेटी डॉ. हिमानी (जो महिला आयोग की सदस्य भी हैं) और सहयोगी डॉ. राजेश ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। कॉलेज के कर्मचारियों ने रेड की पुष्टि की और बताया कि उन्हें अलग कमरे में बिठाया गया, जबकि सीबीआई टीम तलाशी में जुटी रही।
देर रात तक चली जांच
सीबीआई की टीम मंगलवार रात करीब 12 बजे तक दयानंद नर्सिंग होम में जांच करती रही। जाते समय टीम अपने साथ दो बड़े बैग, कपड़ों के दो थैले और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से भरा एक बैग ले गई। हालांकि, टीम ने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
चर्चा में मामला
डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का मेरठ में लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव रहा है। लेकिन अब सीबीआई की छापेमारी और एमबीबीएस सीटों के आवंटन से जुड़े गंभीर आरोपों ने इस मामले को सुर्खियों में ला दिया है। यह जांच आगे किस दिशा में बढ़ेगी, यह समय बताएगा। फिलहाल, मेरठ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
यह भी पढ़ेः राजधानी में 133 विद्यालयों में 30 से कम छात्र, 120 स्कूल का होगा विलय, शिक्षकों ने जताया एतराज, देखें लिस्ट
