डीआरडीओ प्रमुख बोले- रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का प्रमाण है ऑपरेशन सिंदूर

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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पुणे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अध्यक्ष समीर कामत ने शनिवार को कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' आत्मनिर्भरता, रणनीतिक दूरदर्शिता और स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की ताकत को दर्शाता है। 

कामत ने यहां डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (डीआईएटी) के 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी सीमाओं पर अत्यंत समन्वित एवं बहुआयामी अभियान ने न केवल सैनिकों के साहस को प्रदर्शित किया, बल्कि उस प्रौद्योगिकी को भी रेखांकित किया, जिसने उनका समर्थन किया। 

न्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक मिशन से कहीं अधिक था और यह आत्मनिर्भरता, रणनीतिक दूरदर्शिता और स्वदेशी प्रौद्योगिकी में भारत की ताकत को प्रदर्शित करता है। कामत ने कहा कि अभियान दुनिया को यह संदेश था कि भारत में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपनी सीमाओं की रक्षा करने की क्षमता है। 

डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि सेंसर, ड्रोन और सुरक्षित संचार से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित निर्णय लेने में सहायक प्रणाली और सटीक हथियारों तक, स्वदेशी संसाधनों ने अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

उन्होंने कहा कि अभियान के लिए तैनात प्रणालियों में ‘आकाश’ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, डी4 एंटी-ड्रोन सिस्टम, एडब्ल्यूएनसी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम और आकाशतीर प्रणाली शामिल हैं। 

उन्होंने कहा कि ये सभी भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास तंत्र द्वारा विकसित की गई हैं। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।  

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