PM मोदी ने इथियोपिया संसद में कहा: शांति, सुरक्षा और कनेक्टिविटी के मामले में मजबूत भागीदारी
अदीस अबाबा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और इथियोेपिया को प्राचीन ज्ञान और आधुनिक आकांक्षाओं का संगम बताते हुए कहा है कि दोनों देशों को विकासशील देशों की आवाज को वैश्विक स्तर पर और बुलंद करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करना होगा। श्री मोदी ने इथियोेपिया की दो दिन की यात्रा के अंतिम दिन बुधवार को यहां इथियोपियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इथियोपिया की पहली द्विपक्षीय यात्रा पर गये श्री मोदी ने संसद को संबोधित करने के अवसर को गौरवपूर्ण बताते हुए कहा, "लोकतंत्र के इस मंदिर के माध्यम से वह इथियोपिया के आम नागरिकों, किसानों, उद्यमियों, गौरवशाली महिलाओं और उन युवाओं से संवाद कर रहे हैं जो देश का भविष्य गढ़ रहे हैं।"
प्रधानमंत्री ने उन्हें इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान 'ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया' प्रदान किए जाने के लिए इथियोपिया की जनता और सरकार का आभार व्यक्त किया। दोनों देशों के बीच संबंधों के महत्व का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर गहरा संतोष व्यक्त किया कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्राचीन संबंधों को सामरिक साझेदारी का दर्जा दिया गया है। भारत और इथियोपिया के बीच सभ्यतागत संबंधों का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश प्राचीन ज्ञान और आधुनिक आकांक्षाओं का संगम हैं।
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इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम्" और इथियोपिया का राष्ट्रगान, दोनों ही अपनी भूमि को मां के रूप में संबोधित करते हैं। दोनों देशों के साझा संघर्ष की ओर संकेत करते हुए प्रधानमंत्री ने 1941 में इथियोपिया की मुक्ति के लिए इथियोपियाई नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने वाले भारतीय सैनिकों के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इथियोपियाई जनता के बलिदानों का प्रतीक अदवा विजय स्मारक को श्रद्धांजलि अर्पित करना उनके लिए सम्मान की बात है। प्रधानमंत्री ने भारत-इथियोपिया साझेदारी को और सशक्त तथा व्यापक बनाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इथियोपिया की वृद्धि और समृद्धि में भारतीय शिक्षकों और भारतीय व्यवसायों के योगदान का स्मरण किया। उन्होंने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, खाद्य प्रसंस्करण और नवाचार सहित भारत के विकास अनुभव साझा किए और इथियोपिया की प्राथमिकताओं के अनुरूप विकास सहयोग जारी रखने की भारत की तत्परता व्यक्त की।
"वसुधैव कुटुम्बकम" (विश्व एक परिवार है) के सिद्धांत में निहित मानवता की सेवा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान इथियोपिया को टीकों की आपूर्ति करना भारत के लिए गौरव की बात थी। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि 'वैश्विक दक्षिण' के देशों के रूप में भारत और इथियोपिया को विकासशील देशों की आवाज को और मजबूत करने के लिए एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। उन्होंने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को सुदृढ़ करने में इथियोपिया की एकजुटता के लिए आभार व्यक्त किया। अफ्रीकी संघ के मुख्यालय के रूप में अदीस अबाबा की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह अफ्रीकी एकता के सपनों को साकार करेगी।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अपनी जी 20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में स्वागत करते हुए सम्मान की अनुभूति हुई। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के 11 वर्षों के दौरान भारत-अफ्रीका संबंधों में कई गुना वृद्धि हुई है और दोनों पक्षों के बीच राष्ट्राध्यक्षों और सरकार प्रमुखों के स्तर पर 100 से अधिक यात्राएँ हुई हैं। उन्होंने अफ्रीका के विकास के प्रति भारत की गहरी प्रतिबद्धता का उल्लेख किया और जोहान्सबर्ग जी20 शिखर सम्मेलन में "अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव" शुरू करने के अपने प्रस्ताव को रेखांकित किया, जिसके तहत महाद्वीप में 10 लाख प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
