कफ सिरप तस्करी : ईडी का बड़ा एक्शन, एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही समेत 25 के ठिकानों पर छापा 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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अमृत विचार : उत्तर प्रदेश में कोडीन वाली कफ सिरप की अवैध तस्करी करने वाले सिंडिकेट पर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राज्य के छह शहरों में इस सिंडिकेट के करीब 25 ठिकानों पर छापेमारी की है। लखनऊ में एसटीएफ के निलंबित सिपाही आलोक प्रताप सिंह की आलीशान कोठी पर भी छापा पड़ा है। नौकरी से बर्खास्त आलोक प्रताप सिंह इस सिंडिकेट का बड़ा खिलाड़ी है। 

लखनऊ के पॉश इलाके, सुशांत गोल्फ सिटी में उसकी आलीशान कोठी पर ईडी ने छापा मारा और कई चीजें अपने कब्जे में ली हैं। इसमें बैंक रिकॉर्ड, डिजिटल डिवाइस और हवाला से जुड़े कागजात भी होने की बात कही जा रही है। आलोक प्रताप सिंह इस समय एसटीएफ की हिरासत में है। शुक्रवार को ईडी ने लखनऊ, वाराणसी, सहारनपुर, जौनपुर, रांची और अहमदाबाद में छापेमारी की।

इसी मामले में एक दिन पहले पुलिस ने भगोड़ा, दीपक मनवानी के दो साथियों सूरज मिश्रा और प्रीतम सिंह को गिरफ्तार किया। मनवानी को 11 अक्टूबर को ड्रग विभाग और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप, टैबलेट, कैप्सूल और इंजेक्शन के साथ पकड़ा गया था। 

एसीपी कृष्णा नगर रजनीश वर्मा ने बताया कि पूछताछ में मनवानी ने स्वीकार किया था कि सूरज और प्रीतम अवैध दवाएं खरीदकर नशेड़ियों को बेचता था। उसका साथी अरुष सक्सेना अभी फरार है। गुरुवार को पुलिस ने सूरज को वीआईपी रोड के पास बैकुंठ धाम से और प्रीतम को बाशाहनगर से दबोचा था। 

सूरज, सीतापुर के अटरिया सदनपुर का रहने वाला है और 'न्यू मंगलम आयुर्वेदिक' नाम की दवा एजेंसी चलाता है। प्रीतम, बहराइच के बड़ी राजा गांव का निवासी है और पुरानिया स्थित पारिवारिक रेस्तरां में काम करता है। कोडीन आधारित दवाओं की अवैध सप्लाई चेन को ध्वस्त करने के लिए एजेंसियों का अभियान लगातार तेज़ हो रहा है। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह नेटवर्क राज्य में तेजी से फैल रहा था, जिसे जड़ से खत्म करने के लिए समन्वित कार्रवाई जारी रहेगी।

यूपी में कोडीन वाली कफ सिरप का अवैध करोबार सैकड़ों करोड़ रुपये में है। भारत के कई राज्य और शहरों से होकर इसकी सप्लाई विदेशों तक हो रही थी। इस सिंडिकेट का खुलासा होने के बाद राजनीतिक बवाल भी मचा है। समाजवादी पार्टी लगातार हमलावर है। हालांकि सरकार इस प्रकरण पर काफी सख्त और तेजी के साथ कार्रवाई में जुटी है। सिंडिकेट को ध्वस्त करने की दिशा में कई कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।

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