बांग्लादेश में आम चुनाव का ऐलान, अगले साल 12 फरवरी को होगा मतदान

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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ढाका। बांग्लादेश में 12 फरवरी को आम चुनाव कराये जायेंगे। अगस्त 2024 में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद यह पहले चुनाव होंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) एएमएम नासिर उद्दीन ने बृहस्पतिवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मतदान 12 फरवरी, 2026 को सुबह साढ़े सात बजे से शाम साढ़े चार बजे तक होगा।’’ 

मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय सहमति आयोग के सुधार प्रस्तावों पर जनता की राय जानने के लिए मतदान के दिन, 12 फरवरी को एक साथ जनमत संग्रह भी कराया जायेगा। सीईसी की राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात के एक दिन बाद यह घोषणा की गई।

राष्ट्रपति ने सीईसी को आम चुनाव को ‘‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’’ तरीके से संपन्न कराने के लिए ‘‘पूर्ण समर्थन और सहयोग’’ का आश्वासन दिया था। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 29 दिसंबर है और नामांकन पत्रों की जांच 30 दिसंबर से चार जनवरी तक होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है। 

नासिर ने कहा कि उम्मीदवारों की अंतिम सूची 21 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी। चुनाव प्रचार 22 जनवरी से शुरू होगा और 10 फरवरी को सुबह साढ़े सात बजे तक चलेगा। पिछले आम चुनाव जनवरी 2024 में हुए थे। हसीना ने विवादों और प्रमुख पार्टियों द्वारा बहिष्कार से घिरे इन चुनावों में जीत हासिल की थी। वर्ष 2024 के चुनाव में हसीना की जीत के छह महीने बाद, उनकी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गये थे। 

हिंसक प्रदर्शनों के कारण हसीना को पांच अगस्त, 2024 को भारत आना पड़ा था। इसके तीन दिन बाद, यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार संभाला था। अंतरिम सरकार ने हसीना की अवामी लीग को भंग कर दिया है। अवामी लीग की नेता हसीना (78) भारत में रह रही हैं। गंभीर रूप से बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) मुख्य पार्टी बनकर सामने आई है, जबकि उसकी कभी सहयोगी रही जमात-ए-इस्लामी, अवामी लीग की गैर मौजूदगी में मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन गई है।

दोनों पार्टियों ने 300 सीट वाली संसद के चुनाव में अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इस साल फरवरी में गठित ‘नेशनल सिटिजन पार्टी’ (एनसीपी), ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (एसएडी) का एक राजनीतिक संगठन है, जिसने पिछले साल हिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसके परिणामस्वरूप हसीना को सत्ता से हटा दिया गया था। 

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