UP Weather Update: यूपी में ठंड के साथ प्रदूषण का कहर, मेरठ-गाजियाबाद और लखनऊ में AQI खराब

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊः उत्तर प्रदेश में नवंबर के मध्य में सर्दी ने दस्तक दे दी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी दिन अपेक्षाकृत गर्म हैं, लेकिन पश्चिमी यूपी की तुलना में जल्द ही वहां भी ठंड बढ़ने लगेगी। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को पूरे राज्य में मौसम साफ रहेगा और बारिश की कोई संभावना नहीं है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई शहरों में लाल जोन में बना हुआ है। नमी की वजह से तापमान में 2-4 डिग्री की गिरावट है, न्यूनतम तापमान 12-16 डिग्री और अधिकतम 26-28 डिग्री के बीच रह सकता है।

लखनऊ, मेरठ और अन्य प्रमुख शहरों में AQI में सुधार नहीं हो रहा, खासकर पश्चिमी यूपी में हालात गंभीर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हवा की रफ्तार बढ़ने या बारिश होने पर ही प्रदूषण कम होगा और AQI हरे जोन में पहुंचेगा। अगले दो हफ्तों तक ऐसे कोई संकेत नहीं दिख रहे।

तापमान में गिरावट शुरू, पश्चिमी यूपी में ज्यादा ठंड

राज्य में न्यूनतम तापमान लगातार कम हो रहा है। रविवार को यह 12-18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है, जबकि अधिकतम 26-28 डिग्री तक। पूर्वी यूपी के वाराणसी जैसे इलाकों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक पहुंच सकता है। नमी के कारण पश्चिमी यूपी में ठंड ज्यादा महसूस होगी, जबकि पूर्वी जिले गर्म रहेंगे। रातें और ठंडी हो सकती हैं, क्योंकि हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।

- लखनऊ: न्यूनतम 14-16°C, अधिकतम 26-28°C  
- कानपुर: न्यूनतम 12-14°C, अधिकतम 28°C  
- आगरा: न्यूनतम 12-14°C, अधिकतम 30°C  
- वाराणसी: न्यूनतम 16-18°C, अधिकतम 30°C  
- प्रयागराज: न्यूनतम 14-16°C, अधिकतम 31°C  
- गाजियाबाद: न्यूनतम 13-15°C, अधिकतम 29°C  

AQI में सुधार नहीं, मेरठ सबसे खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि यूपी के अधिकांश शहरों का AQI लाल जोन में है। PM2.5 और PM10 के उच्च स्तर के कारण धुंध छाई हुई है। 

- लखनऊ: 198 (कुछ सुधार)  
- कानपुर: 256  
- आगरा: 128  
- वाराणसी: 94  
- मेरठ: 318 (अत्यधिक खराब)  

पश्चिमी यूपी के ज्यादातर जिलों में AQI लाल जोन में या उसके करीब है।

बारिश नहीं, प्रदूषण बढ़ने की आशंका

मौसम विभाग ने साफ कहा है कि अगले दो सप्ताह तक बारिश के कोई आसार नहीं हैं। इससे वायु प्रदूषण और गंभीर हो सकता है, जिससे AQI में गिरावट जारी रहेगी।

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