Winter Session: केंद्रीय मंत्री रिजिजू बोले -सौहार्दपूर्ण रही सर्वदलीय बैठक, शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों से सहयोग की उम्मीद
दिल्ली। सरकार ने कहा है कि रविवार को बुलाई गई सर्व दलीय बैठक सौहार्दपूर्ण रही है और भरोसा है कि शीतकालीन सत्र के सुचारू संचालन में सरकार को सभी दलों का सहयोग मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद रविवार को यहां संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा "सभी दलों के सदन के नेताओं के साथ हुई बैठक बहुत अच्छी, अत्यंत उपयोगी और सौहार्दपूर्ण रही।
विपक्ष के सभी नेताओं ने सौहार्दपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी और इसके लिए मैं सभी दलों के सदन के नेताओं का आभार व्यक्त करता हूँ। सभी ने इसमें उत्साह से भाग लिया और अपनी-अपनी पार्टी के विचार रखे।
उन्होंने कहा "बैठक में राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा, मंत्रिमंडल के सहयोगियों और मैंने सभी सुझावों को नोट कर लिया है और दोनों सदनों को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए सभी नेताओं के सुझावों और प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इन मुद्दों को भी प्रस्तुत किया जाएगा।" उन्होंने वंदे मातरम को लेकर कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि डेढ़ सौ साल पहले रचे गये इस गीत को नारा बनकर हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने वंदे मातरम नारा लगाया और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
स्वतंत्रता सेनानी और महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चटर्जी के वंदे मातरम गीत को लिखे 150 साल हो गए हैं और इस पर देश में आयोजन किया जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। इस गीत पर पूरा देश विश्वास करता है और इसका सम्मान करता है इसलिए यह कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।
इस पर संसद में चर्चा भी करनी होगी, तो इस बात को सभी दलों के सामने रखा जाएगा। इस गीत पर चर्चा कराने को लेकर पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा "मैं इसे कार्य मंत्रणा समिति के समक्ष उठाऊंगा। मैं यहां एजेंडा की घोषणा नहीं कर सकता।"
यह पूछने पर कि कुछ विपक्षी दल ज्वलन्त मुद्दों और खासकर एसआईआर को लेकर संसद नहीं चलने देने की बात कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि संसद नहीं चलेगी या चलने नहीं देगी, यह बात बैठक में किसी ने नहीं कही। उनका कहना था कि कुछ नेताओं ने कहा कि एसआईआर का मुद्दा सदन में रखेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष की हर बात सकारात्मक रूप से सुनने को तैयार है। संसद सबकी है, देश की है। संसद में हर मुद्दे पर चर्चा होगी लेकिन चर्चा करने का एक तरीका होता है। नियम होते हैं, परंपराएं होती हैं और उन सब का संसद में पालन किया जाएगा।
