विजन 2047 : IT–इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को ‘डिजिटल ग्रोथ इंजन’ बनाने पर मंथन, विकसित भारत में यूपी की बड़ी भूमिका तय
लखनऊ, अमृत विचार। प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने के लिए योगी सरकार आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को अपना प्रमुख आधार बना रही है। इसी दिशा में सोमवार को लखनऊ स्थित एक होटल आयोजित स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन बैठक में प्रदेश सरकार व निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भविष्य की डिजिटल रणनीति पर व्यापक चर्चा की।
मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था 2017 में 14 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 30 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है। सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर और वर्ष 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बने। प्रतिभागियों से अपील किया कि वह सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टार्टअप और अन्य क्षेत्रों में प्रदेश सरकार और अधिक प्रभावी कदम उठा सके इससे संबंधित अपने सुझाव और फीडबैक साझा करें। अध्यक्षता करते हुए आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने कहा कि विकसित भारत 2047 में उत्तर प्रदेश की भूमिका निर्णायक होगी। प्रदेश तेजी से टेक–ड्रिवन अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।
बैठक में बताया गया कि हाल ही में डाटा सेंटर, आईटी सिटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में करीब 500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। वैश्विक टेक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए शहरी सुविधाओं और हरित तकनीकों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई। युवा शक्ति को डिजिटल विकास का केंद्र मानते हुए, प्रदेश के हर स्कूल में डिजिटल शिक्षा अनिवार्य करने का सुझाव दिया गया। एआई, साइबर सुरक्षा और उभरती तकनीकों से जुड़े कौशल केंद्रों का विस्तार करने तथा आईआईटी-बीएचयू सहित इंजीनियरिंग संस्थानों को डीप–टेक हब के रूप में विकसित करने पर सहमति बनी। स्टार्टअप उत्पादों के लिए सरकारी खरीद में प्रोत्साहन, नवाचार प्रयोगशालाओं का बेहतर उपयोग और पेटेंट–टेक ट्रांसफर पर भी रणनीति तय हुई।
बैठक में सचिव पंधारी यादव, आलोक कुमार सहित नीति आयोग और आईटी उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल रहे।
