जेन Z की तीन मांगें... स्थिरता, संतुलन और सच्चाई, बाकी सब बेकार, जानें क्या है युवाओं का फैसला

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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ओंटारियो। ‘जेनरेशन जेड’ यानी 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों की कार्यबल में बढ़ती संख्या के बीच कनाडाई नियोक्ताओं का ऐसे युवकों से सामना हो रहा है जिनकी अपेक्षाएं और व्यवहार वर्तमान मानकों से मूलभूत बदलाव का संकेत देते हैं। पिछली पीढ़ियों के विपरीत, ‘जेन जेड’ पालन-पोषण के दौरान अनूठे सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी परिदृश्य में पले बढ़े हैं, जिससे उनकी व्यावहारिक सोच में बदलाव आया है। ‘जेन जेड’ आर्थिक अनिश्चितता, तकनीकी उथल-पुथल और बढ़ती सामाजिक जागरूकता के बीच पला-बढ़े हैं। इतना ही नहीं ‘मिलेनियल्स’ के विपरीत ‘जेन जेड’ ज्यादा व्यावहारिक है क्योंकि ‘मिलेनियल्स’ तेजी से पदोन्नति और वेतन वृद्धि की ‘बड़ी उम्मीदों’ के साथ नौकरी के क्षेत्र में आए थे। इसलिए, अगर कनाडाई संगठन इस पीढ़ी की प्रतिभाओं को आकर्षित करना, उनसे जुड़ना और उन्हें बनाए रखना चाहते हैं, तो यह समझना जरूरी है कि उन्हें (‘जेन जेड’ को) क्या प्रेरित करता है। उद्देश्य, मूल्य और ‘जेन जेड’ क्या चाहते हैं

हालिया शोध से पता चला कि यह पीढ़ी (‘जेन जेड’) नौकरी की सुरक्षा, कार्य-जीवन संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा महत्व देती है। ये प्राथमिकताएं रचनात्मक अनुभवों से आकार लेती हैं, जिसमें ‘जेन जेड’ का अपने माता-पिता को घर और करियर के बीच जूझते देखना और आर्थिक तंगी जैसी चीजें शामिल हैं। ‘जेन जेड’ के लिए कार्यस्थल पर काम-काज में स्थिरता आवश्यक है। यह पीढ़ी महत्वाकांक्षी है हालांकि कुछ मायनों में यह किसी संगठन या कंपनी में पदानुसार ऊपर की ओर बढ़ने के पारंपरिक तरीके से अलग है। ‘जेन जेड’, ऐसी नौकरी तलाशते हैं जो लचीली हों, जिनसे वे सार्थक योगदान दे सके और जो उनके व्यक्तिगत मूल्यों के अनुरूप हो। ‘जेनरेशन जेड’ का कार्यस्थल को लेकर मानना है कि उनकी उन संगठनों में काम करने की इच्छा है, जो विविधता, समावेशन और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व को प्राथमिकता देते हैं। यह पीढ़ी कनाडा के इतिहास में नस्लीय रूप से सबसे विविध है और सामाजिक रूप से अधिक जागरूक वातावरण में पली-बढ़ी है। वे समान व्यवहार व पर्यावरणीय स्थिरता के बारे में दृढ़ विचार रखते हैं और अक्सर अपने नियोक्ताओं से ‘अपनी बात पर अमल’ करने की अपेक्षा करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जेन जेड’ कर्मचारियों के उद्देश्यपूर्ण कार्य प्रदान करने वाले संगठनों में बने रहने की संभावना काफी अधिक होती है और जब ऐसी चीजें किसी कंपनी में मौजूद होती है तो उनके उस संस्थान में बने रहने की संभावना 3.6 गुना बढ़ जाती है।

अधिकार के बजाय सहयोग को प्राथमिकता

‘जेन जेड’ के भीतर एक उल्लेखनीय प्रवृत्ति अधिकार के बजाय सहयोग को प्राथमिकता देना है। एक हालिया सर्वेक्षण में पता चला कि ‘जेन जेड’ के लगभग आधे पेशेवर ऐसा काम पसंद करते हैं, जिनमें पर्यवेक्षकीय जिम्मेदारियां शामिल न हों। यह अनिच्छा पारंपरिक नेतृत्व भूमिकाओं की कथित कमियों से उपजी है, जिनमें अत्यधिक तनाव, जटिल काम के घंटे और कम स्वायत्तता शामिल है। कुछ ‘जेन जेड’ कर्मचारी प्रबंधकीय दायित्वों से बचने के लिए कम वेतन स्वीकार करने को भी तैयार हैं। यह कदम उन संगठनों के लिए एक संरचनात्मक चुनौती पेश करता है, जो वरिष्ठ पदाधिकारियों के सेवानिवृत्त होने और ‘मिलेनियल्स’ के वरिष्ठ पदों पर पहुंचने के साथ नेतृत्व में आने वाले अंतर की आशंका जताते हैं।

नियोक्ता कैसे इस परिवर्तन को अपनाएं

‘जेन जेड’ प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने के लिए कनाडाई नियोक्ताओं को साक्ष्य-आधारित रणनीतियां अपनानी चाहिए, जिनमें पुराने तरीकों से हटकर पदोन्नित प्रक्रिया को तेज करना, परियोजना नेतृत्व और कौशल-आधारित उन्नति पर जोर देने वाले ढांचों की ओर बढ़ते हुए करियर विकल्पों को पुनर्परिभाषित करना शामिल है। जैसे-जैसे कृत्रिम मेधा (एआई) और एल्गोरिथम आधारित मानव संसाधन प्रणालियां अधिक प्रचलित होती जा रही हैं, नियोक्ताओं को यह विचार करना होगा कि ये चीजें ‘जेन जेड’ के काम करने के तरीकों को एक साथ कैसे ला सकती हैं। वे उम्मीद करते हैं कि तकनीक काम के मानवीय पहलू को बढ़ाएगी लेकिन उसकी जगह नहीं लेगी। ‘जेन जेड’ के लिए स्थिरता एक और प्राथमिकता है। इस पीढ़ी के लिए, जलवायु कार्रवाई कोई नारा नहीं बल्कि एक नैतिक अनिवार्यता है। ‘जेन जेड’ को समझना और इन नए पेशेवरों के अनुसार स्वयं को ढालने के लिए कदम उठाना, सार्थक विकास के लिए जरूरी विश्वास पैदा करने में नियोक्ताओं की मदद करेगा।

सोर्स- एजेंसी

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