ट्रंप का भारत को सीधा अल्टीमेटम: “सस्ता चावल बेचना बंद करो, वरना भारी टैरिफ ठोंक दूंगा!”
वाशिंगटन/न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को खुलकर भारत को चेतावनी दे दी कि अगर भारतीय चावल अमेरिकी बाजार में सस्ते दामों पर “डंप” होता रहा, तो उस पर तुरंत भारी शुल्क लगा दिया जाएगा। व्हाइट हाउस में किसानों और कैबिनेट मंत्रियों के साथ हुई हाई-लेवल बैठक में ट्रंप ने कहा, “भारत को यह सब करने की इजाजत क्यों दी जा रही है? उन्हें टैरिफ चुकाना पड़ेगा। यह समस्या एक दिन में सुलझ जाएगी!”
“हम संघर्ष कर रहे हैं” – अमेरिकी चावल किसानों की गुहार
लुइसियाना की मशहूर केनेडी राइस मिल की मालकिन मेरिल केनेडी ने ट्रंप के सामने रोते हुए कहा, “दक्षिणी अमेरिका के चावल किसान बुरी तरह टूट चुके हैं। भारत, थाईलैंड और चीन हमारे बाजार में बेहद कम कीमत पर चावल फेंक रहे हैं।”
उन्होंने खास तौर पर प्यूर्टो रिको का उदाहरण दिया, जो कभी अमेरिकी चावल का सबसे बड़ा खरीदार था। मेरिल बोलीं, “चीन ने वहां इतना सस्ता चावल डाला है कि पिछले कई सालों से हमारा एक दाना भी नहीं बिका।”
ट्रंप ने तुरंत पलटकर पूछा – “भारत को छूट क्यों?”
जब मेरिल ने भारत का नाम लिया, तो ट्रंप ने पास बैठे वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से सवाल दागा:
“भारत को ऐसा करने की इजाजत क्यों है? क्या उन्हें चावल पर कोई छूट मिली हुई है?”
बेसेंट ने जवाब दिया, “नहीं सर, हम अभी भारत के साथ व्यापार समझौता कर रहे हैं।”
इस पर ट्रंप मुस्कुराए और बोले, “बहुत आसानी से ठीक हो जाएगा। बस टैरिफ लगा दो, समस्या एक दिन में खत्म!”
मेरिल केनेडी ने बताया कि मौजूदा टैरिफ तो असर दिखा रहे हैं, लेकिन और सख्त करने की जरूरत है। ट्रंप ने तुरंत सहमति जताई।
भारत पर पहले से सबसे ज्यादा 50% टैरिफ, फिर भी नई धमकी
ट्रंप प्रशासन ने पहले ही भारत पर दुनिया का सबसे ऊंचा 50% टैरिफ लगा रखा है (जिसमें रूस से तेल खरीदने पर 25% अलग से शामिल है)। अब चावल पर नया शुल्क लगने से भारतीय निर्यातकों को तगड़ा झटका लग सकता है।
गौरतलब है कि भारत दुनिया का नंबर-1 चावल उत्पादक और निर्यातक है। 2024-25 में वैश्विक चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 30.3% है। अमेरिका में सोना मसूरी, 1121 बासमती जैसी भारतीय किस्में बहुत पसंद की जाती हैं।
अब सबकी नजरें 10-11 दिसंबर की भारत-अमेरिका वार्ता पर
इसी हफ्ते अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि की टीम भारत आ रही है। दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को साल के अंत तक पूरा करना चाहते हैं। लेकिन ट्रंप का यह ताजा बयान वार्ता में नया तनाव पैदा कर सकता है।
