India-New Zealand FTA: मुक्त व्यापार समझौता खोलेगा भारतीय पेशेवरों के लिए विदेशों में अवसर, देखें क्या बोले वाणिज्य सचिव 

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Published By Muskan Dixit
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नई दिल्ली। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि भारत ने जिन मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं उससे लेखाकार, चिकित्सकों तथा ‘आर्किटेक्ट’ जैसी पेशेवर सेवाओं पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रतिबद्धताएं इन पेशेवरों के लिए विदेशों में अवसर खोलने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश पेशेवर सेवाओं की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने की अपार क्षमता रखता है। अग्रवाल ने कहा कि इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना एवं पेशेवरों को बदलते वैश्विक बाजार की जरूरतों तथा प्रौद्योगिकी विकास के अनुरूप उन्नत कौशल से लैस करना महत्वपूर्ण है। 

उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) जैसे पेशेवर निकायों को ज्ञान साझा करने एवं बेहतर सहयोग के लिए मंच प्रदान करने हेतु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करने और उनमें हिस्सा लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया। वाणिज्य सचिव ने यह बात 23 दिसंबर को यहां ‘वैश्विक क्षितिज का विस्तार: भारतीय पेशेवरों के लिए अवसर’ विषय पर आयोजित एक विचार-विमर्श सत्र को संबोधित करते हुए कही। सत्रों में चार मुख्य मुद्दों, वैश्विक स्तर पर पेशेवर तैयार करना; पारस्परिक मान्यता समझौतों (एमआरए) तथा समझौता ज्ञापनों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय परिवहन को मजबूत करना; विदेशों में पेशेवरों के नेटवर्क का विकास, गठन एवं विस्तार और पेशेवर सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का लाभ उठाने पर विचार-विमर्श किया गया। 
अग्रवाल ने ‘‘ भारतीय पेशेवर सेवाओं की खातिर वैश्विक बाजारों को खोलने के लिए हितधारकों के बेहतर समन्वय, घरेलू परिवेश में सुधार और विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों के तहत पेशेवर सेवाओं पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं के महत्व पर जोर दिया।’’ 

भारत को विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों के तहत प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें हाल ही में न्यूजीलैंड के साथ घोषित समझौता भी शामिल है जिसके तहत उसके पेशेवरों के लिए आसान नियम और वीजा सुविधा प्रदान की जाएगी। इस समझौते के तहत योग प्रशिक्षकों, रसोइयों, आयुष पेशेवरों, आईटी पेशेवरों, शिक्षा शिक्षकों, नर्स, देखभालकर्ताओं जैसे लगभग 5,000 भारतीय पेशेवरों को न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए पेशेवर वीजा मिलेगा। 

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