लखनऊ में AI कैमरे चलाएंगे सिग्नल: स्पाइक बैरियर का ट्रायल, प्रयोग सफल होने के बाद लागू होगी व्यवस्था

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Published By Anjali Singh
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अभिषेक श्रीवास्तव/ लखनऊ, अमृत विचार: राजधानी जाम से कराह रही है। योजनाएं फिलहाल कारगर होती नहीं दिख रही हैं। चाहे ई-रिक्शा के तय मार्गों पर संचालन का प्लान हो या फिर तीन प्रमुख स्थलों पर ''स्पाइक बैरियर'' (विपरीत दिशा से आने वाली गाड़ियों के टायर पंक्चर वाली योजना) का ट्रायल, 15 प्रमुख चौराहों और तिराहों पर सीमेंटेड बैरियर या नई ''लेफ्ट फ्री'' व्यवस्था का लागू किया जाना। लेकिन हासिल हिसाब शून्य ही रहा। पूरे साल लोग इसी यातायात अराजकता के बीच से गुजरने को मजबूर रहे। लेकिन इस बार ''उम्मीदें नई'' हैं। जाम का दंश झेल रही राजधानी को नए साल में दर्द से उबारने के लिए यातायात विभाग ''आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस'' (एआई) की मदद लेने जा रहा है।

ट्रैफिक सिग्नल टाइमिंग नहीं, वाहनों की संख्या का दबाव पढ़ेंगे

हजरतगंज, हुसैनगंज, आईजीपी, पॉलिटेक्निक, महानगर, आलमबाग, बाराबिरवा, ट्रांसपोर्टनगर, परिवर्तन चौक, लालबत्ती, कमता समेत अन्य प्रमुख चौराहे ग्रीन-रेड सिग्नल से नहीं बल्कि एआई के आधार पर संचालित किए जाएंगे। ट्रैफिक सिग्नल टाइमिंग के बजाए सड़क पर वाहनों की संख्या व दबाव को रीड कर अपने आप ही ग्रीन व रेड होंगे। योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

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पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ प्रमुख चौराहों पर एआई आधारित कैमरे सिग्नल लगाए जाएंगे। अगर यातायात पुलिस की यह योजना सफल हुई तो इसे जल्द ही पूरे शहर में किया जाएगा। यातायात पुलिस कर्मियों को भी इस नई तकनीक के संचालन और निगरानी के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि किसी भी तकनीकी समस्या की स्थिति में वे बिना देर किए रास्ता निकाल सकें।

ऐसे समझें... एआई सेंसर सिस्टम इस तरह करेंगे काम

ऐसी समझिए...एआई सेंसर सिस्टम के कैमरे चौराहे के चारों दिशाओं में ट्रैफिक दबाव पर पूरी निगरानी रखेंगे। जैसे एक साइड की रोड पर 60 सेकेंड तक की ग्रीन लाइट होती है। अगर उस लेन में लगातार 5 सेकंड तक कोई भी वाहन नजर नहीं आया तो एआई सिस्टम उस रास्ते में रेड लाइट कर देगा और दूसरे रास्ते को ग्रीन सिग्नल देगा। यानी उस रास्ते में ट्रैफिक दबाव नहीं होने पर 60 सेकंड तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

Untitled design (14)ट्रैफिक सिस्टम पर नजर रखने के लिए एआई हाई-रिजोल्यूशन कैमरे और सेंसर लगाए जाएंगे। सेंसर व कैमरे के माध्यम से चौराहों पर आने-जाने वाले वाहनों की संख्या, रफ्तार और एक दिशा में लगने वाले वाहनों की कतार की लंबाई का आकलन करेंगे। इसके बाद एआई आधारित सिग्नल खुद ही यह तय करेगा कि किस दिशा से आने वाले वाहनों को कितनी देर तक ग्रीन सिग्नल पर रखा जाए। इससे वाहन स्वामियों को रेड सिग्नल के ग्रीन होने का अनावश्यक इंतजार खत्म होगा और यातायात सुचारू रूप से चलता रहेगा।

गूगल मैप से भी जुडे़गी यह योजना

यही नहीं इस योजना को गूगल मैप से भी जोड़ा जा रहा है। जैसे ही किसी मार्ग पर जाम की स्थिति बनेगी, एआई सिस्टम उस जानकारी को रियल टाइम में अपडेट कर देगा। जिसके बाद गूगल मैप पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर उस मार्ग का डायवर्जन लागू कर देगा। जिससे वाहन स्वामियों को दूसरे वैकल्पिक मार्गो की जानकारी तुरंत मिल सकेगी। इससे जाम में राहत मिलेगी।

समय के साथ ही ईंधन की खपत भी होगी कम

योजना पर काम कर रहे विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यवस्था से वाहन स्वामियों का समय तो बचेगा ही साथ ही उनके वाहन के ईंधन की खपत भी कम होगी। बार-बार सिग्नल पर रुकने और जाम में फंसने से होने वाले प्रदूषण को काफी हद तक कम कर दिया जाएगा। सुबह-शाम आफिस टाइमिंग और दोपहर में स्कूल-कॉलेजों में बच्चों की छुट्टी के समय सड़कों पर बढ़ने वाले दबाव को कम करने में यह सिस्टम बेहतर होगा।

चारबाग में ट्रेनों के ठहराव की शिफ्टिंग पर विचार

साल 2026 में यातायात पुलिस शहर को जाम के झाम से बचाने के लिए एक और नया प्रयास कर रही है। जिसका ब्लू प्रिंट भी तैयार हो गया है। रेलवे विभाग के साथ बैठक कर ट्रैफिक अधिकारियों ने मांग रखी थी कि चारबाग स्टेशन से कुछ ट्रेनों की संख्या कम की जाए। जिसे स्वीकृति मिल गयी। कई ट्रेनों को गोमतीनगर, बादशाह नगर, ऐशबाग, सिटी स्टेशन और मल्हौर स्टेशन पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे चारबाग व उसके आसपास के जाम से शहरवासियों को राहत मिल सकेगी। डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित ने बताया कि गोमती पार इलाके से आने वाले लोग हजरतगंज होते हुए चारबाग आते हैं। काफी मंथन के बाद चारबाग इलाके में एक टीम लगाकर यहां लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए सर्वे करवाया गया। सामने आया कि सारी ट्रेन यहीं पर आती हैं, जिसके चलते दिनभर वाहनों का दबाव रहता है। उधर, चारबाग बस अड्डे पर आने वाली बसें भी सड़क पर खड़ी रहती हैं। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद रेलवे और परिवहन विभाग के साथ बैठक की गई। जिसके बाद कई ट्रेनों के ठहराव दूसरे स्टेशन पर शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है। यही नहीं कैसरबाग क्षेत्र से जाम कम करने के लिए बस स्टेशन को जानकीपुरम शिफ्ट किए जाने की योजना पर मजबूती से काम हो रहा है। साथ ही चारबाग बस स्टेशन पर आ रहे ट्रैफिक और बसों के लिए उसे रिडिजाइन करने पर बात चल रही है।

वर्ष 2025 में हुए ये प्रयास

- हजरतंगज, निशातगंज समेत दस से ज्यादा चौराहों पर डायवर्जन व्यवस्था लागू की।

- आईटी चौराहे पर जाम खत्म के लिए यू-टर्न और एक तरफ का रूट बंद।

- हुसैनगंज चौराहे पर यू-टर्न और एक तरफ का रूट बंद।

- सिकंदरबाग से आगे ई-रिक्शा आने पर प्रतिबंध।

- पार्क रोड पर वन-वे सिस्टम लागू किया।

- ई-रिक्शा के लिए सेफ राइड शुरू की गई।

जाम झेलने वाले प्रमुख तिराहे-चौराहे

- हजरतगंज चौराहा

- हुसैनगंज चौराहा

- परिवर्तन चौराहा

- इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा

- आईजीपी चौराहा

- लालबत्ती चौराहा

- पॉलिटेक्निक चौराहा

- बाराबिरवा चौराहा

- तेलीबाग चौराहा

- कमता चौराहा

- अमौसी एयरपोर्ट तिराहा

- दुबग्गा चौराहा

-अमीनाबाद तिराहा

- चारबाग नत्था होटल तिराहा

-रकाबगंज पुल चौराहा

-मेडिकल कालेज चौराहा

-बलरामपुर चौराहा

- आईआईएम तिराहा

जाम खत्म करने के लिए उम्मीदें हैं। काम इसी दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। एआई सेंसर सिस्टम सिग्नल योजना के लागू होने से शहरवासियों को राहत जरूर मिलेगी। साथ ही चौराहों पर वाहनों का दबाव भी काफी हद तक कम हो जाएगा। योजना को नए साल के मौके पर लागू किया जाएगा। प्रयोग सफल हुआ तो इसका विस्तार अन्य प्रमुख तिराहे-चौराहों पर भी होगा।-कमलेश दीक्षित, डीसीपी यातायात

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