Unnao rape case: दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर महिला कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, सेंगर की सजा निलंबन के विरोध में लगाए नारे
दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मां सहित महिला कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से जुड़े कई लोगों ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की सजा निलंबित किए जाने के उच्च न्यायालय के फैसले के कुछ दिनों बाद किया गया। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां हाथ में लेकर उन्नाव बलात्कार पीड़िता के समर्थन में “बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करो” जैसे नारे लगाए।
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एआईडीडब्ल्यूए) की कार्यकर्ताओं ने सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना और पीड़िता की मां के साथ मिलकर इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पीड़िता की मां ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह अपनी बेटी के साथ हुए अन्याय के विरोध में यहां आई हैं। उन्होंने कहा, “मैं पूरे उच्च न्यायालय को दोष नहीं देती, लेकिन दो न्यायाधीशों के फैसले से हमारा भरोसा टूट गया है और मुझे गहरा आघात पहुंचा है।”
उन्होंने कहा कि पहले न्यायाधीशों ने उनके परिवार को न्याय दिलाया था, लेकिन अब आरोपी को जमानत दे दी गई है। पीड़िता की मां ने कहा, “यह हमारे परिवार के साथ अन्याय है। हम उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे, मुझे उस पर पूरा विश्वास है।” दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2019 में अधीनस्थ अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए सेंगर की सजा के खिलाफ दायर अपील के निपटारे तक उसे जमानत पर रिहा करने का मंगलवार को आदेश दिया था।
सेंगर को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उच्च न्यायालय ने सेंगर को निर्देश दिया कि वह न तो पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में जाए और न ही पीड़िता या उसकी मां को कोई धमकी दे। अदालत ने यह भी कहा कि शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत स्वतः रद्द हो जाएगी। हालांकि, सेंगर जेल में ही रहेगा क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा भी काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है।
