बरुआसागर नगर पालिका के उपवन में 66 पेड़ों की अवैध कटाई पर हाईकोर्ट सख्त, उच्चस्तरीय जांच के आदेश

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झांसी के बरुआसागर नगर पालिका क्षेत्र स्थित उपवन में 66 पेड़ों की अवैध कटाई को गंभीर मानते हुए कड़ी नाराज़गी जताई है और पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच व आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ नंदन की खंडपीठ ने मुकेश कुमार नायक की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नगर पालिका परिषद के स्वामित्व वाले उपवन से इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई होना सामान्य नहीं है।

कोर्ट ने इस दलील को अस्वीकार किया कि नगर पालिका परिषद के अधिकारी किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं हैं। साथ ही, क्षेत्रीय वन अधिकारी, झांसी द्वारा 66 पेड़ों का मूल्य मात्र 1,12,493 रुपये आंके जाने को भी अविश्वसनीय बताया। खंडपीठ ने यह भी आपत्ति जताई कि कटे हुए पेड़ों की जब्ती के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है और अब तक किसी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जबकि घटना अत्यंत गंभीर प्रकृति की है।

याचिका में दोषी माने गए विपक्षी संख्या 6 और 7 सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की गई थी। कोर्ट के पूर्व आदेश के अनुपालन में सामाजिक वानिकी के प्रभागीय वन अधिकारी, झांसी ने लिखित निर्देश प्रस्तुत कर 66 पेड़ों की कटाई स्वीकार की, क्षति का आकलन 1,12,493 रुपये बताया तथा पांच व्यक्तियों द्वारा अपराध स्वीकार कर प्रत्येक 25,000 रुपये जमा करने के हलफनामे दाखिल किए जाने की जानकारी दी।

हालांकि, नगर पालिका के किसी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्तता से इनकार किया गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को पूरे घटनाक्रम की जांच कर आवश्यक निर्देश जारी करने और अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी 2026 को होगी।

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