पिथौरागढ़: झूला पुल न खोले जाने से नाराज नेपाली महिलाएं, अपनी ही सरकार के खिलाफ भरी हुंकार
पिथौरागढ़, अमृत विचार। नेपाल की महिलाओं ने सोमवार को जौलजीबी में भारत व नेपाल को जोड़ने वाले काली नदी पर बने झूला पुल को नहीं खोलने पर प्रदर्शन किया। इस मौके पर नेपाल की महिलाओं को पुल पर रोकने के लिए नेपाल की पुलिस को काफी मश्कत भी करनी पड़ी। महिलाओं ने नेपाल सरकार के …
पिथौरागढ़, अमृत विचार। नेपाल की महिलाओं ने सोमवार को जौलजीबी में भारत व नेपाल को जोड़ने वाले काली नदी पर बने झूला पुल को नहीं खोलने पर प्रदर्शन किया। इस मौके पर नेपाल की महिलाओं को पुल पर रोकने के लिए नेपाल की पुलिस को काफी मश्कत भी करनी पड़ी। महिलाओं ने नेपाल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध दर्ज किया। महिलाओं का कहना है कि भारत सरकार ने जब पुल खोलने की सूचना दे दी है तो फिर नेपाल सरकार क्यों चुप बैठी है।
मालूम हो कि नेपाल व भारत सरकार के उच्च स्तर पर हुई बैठक व सहमति के बाद नेपाल सीमा पर धारचूला तहसील के अधीन आने वाले सभी पुल खोल दिए हैं, लेकिन अभी जौलजीबी, बलुवाकोट, एलागाड़,सीतापुल नेपाल की तरफ से नहीं खोला गया है। जिसके कारण जौलजीबी में आक्रोशित नेपाल की महिलाओं ने संघर्ष समिति की अध्यक्ष हीरा चंद के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पहुंच कर प्रदर्शन किया। इस संबंध में नेपाल के जिला प्रभारी के अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने कहा कि भारत के द्वारा जब सभी पुल खोल दिए गए हैं तो ऐसे में नेपाल की ओर से पुल को बंद रखना गलत है।
उन्होंने कहा कि पुल बंद होने के कारण स्कूली छात्रों के साथ ही बीमार बुजुर्गों, पेंशन धारकों के साथ ही आम नागरिकों को दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने नेपाल सरकार से जल्द से जल्द पुल को खोलने की मांग की है। साथ ही मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। इस दौरान धाना धामी, सीता चुनारा, गोमती भट्ट, नर्मदा धामी, विमला, शोभा, गीता, लक्ष्मी आदि मौजूद रहे।
