दिनेशपुर: वट वृक्ष पर प्रेम और स्नेह का धागा बांध मांगा अखंड सुहाग

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दिनेशपुर, अमृत विचार। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में स्थापित वट के वृक्ष की पूजा-अर्चना के लिए सुहागन महिलाओं का ताता लगा रहा। महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायु होने व परिवार में सुख शांति, समृद्धि की कामना की। गुरुवार को सुहागन महिलाओं ने बरगद के वृक्ष के निकट घी की ज्योति व धूप जलाकर …

दिनेशपुर, अमृत विचार। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में स्थापित वट के वृक्ष की पूजा-अर्चना के लिए सुहागन महिलाओं का ताता लगा रहा। महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायु होने व परिवार में सुख शांति, समृद्धि की कामना की।

गुरुवार को सुहागन महिलाओं ने बरगद के वृक्ष के निकट घी की ज्योति व धूप जलाकर अक्षत, कुमकुम, कपूर, चुनरी भेंट की। पूजन के साथ ही सुहागन महिलाओं ने वट वृक्ष में रक्षा कवच बात कर 11 व 21 बार परिक्रमा की।

पुरोहित लीलाधर जोशी ने कथा स्वरूप में सुनाते हुए सुहागन महिलाओं को बताया कि शास्त्रों के आधार पर इस व्रत को सर्वप्रथम सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा के लिए रखा था। यमराज ने भी हार मान कर सत्यवान के प्राण वापस कर दिए थे। पंडित जोशी ने महिलाओं से अनुरोध किया कि भक्ति निस्वार्थ पूर्ण करें, फल देने वाला परमात्मा है। अनुष्ठान में रीता जोशी, किरन पाठक , कमला जोशी, बीना कुंवर, आशा गढ़िया, गोदावरी देऊपा, बीना जोशी, आरती शर्मा सहित कई महिलाएं मौजूद थे।

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